Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Aug, 2017 12:15 PM
पंजाब भर में फसलों के उजाड़े को लेकर किसानों की नींद हराम करने की खबरों के बाद अब सड़कों पर फिरते बेसहारा पशु मानवीय जीवन के
जलालाबाद (बंटी): पंजाब भर में फसलों के उजाड़े को लेकर किसानों की नींद हराम करने की खबरों के बाद अब सड़कों पर फिरते बेसहारा पशु मानवीय जीवन के लिए मौत का कारण बन रहे हैं। फाजिल्का क्षेत्र में कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता, जिस दिन बेसहारा पशुओं के कारण कोई छोटा या बड़ा हादसा नहीं घटता। यहां तक कि पिछले करीब एक हफ्ते में फाजिल्का जिले में पशुओं के कारण घटे सड़क हादसों में 4 जानें जा चुकी हैं।
उक्त बेसहारा पशु रात के समय सड़कों पर आकर खड़े हो जाते हैं, जो वाहनों से टकरा जाते हैं। पिछले दिनों बग्घे के मोड़ के नजदीक हुए कार हादसे में फाजिल्का की 3 जानें चली गईं, जिनमें पति-पत्नी और एक लैक्चरार शामिल था। धूडिय़ा परिवार के पवन धूडिय़ा और उसकी पत्नी सुलक्षण धूडिय़ा इस हादसे में मारे गए, उनके छोटे बच्चे जो दसवीं और 12वीं क्लास में पढ़ते हैं, की दयनीय हालत देखकर लगता है कि हमारे धर्म के ठेकेदार इंसान की अपेक्षा पशुओं की ज्यादा कद्र करने लगे हैं। विद्यार्थी जीवन में ही अनाथ हुए यह दोनों बहन-भाई का आसरा केवल बुजुर्ग दादा-दादी पर निर्भर हो गया है। इसी तरह लैक्चरार अशोक कुमार भी अपने बच्चों को छोड़ कर इस सड़क हादसे में स्वर्गवास हो गए हैं।
इसी तरह ही सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने परिवार के लिए रोजी-रोटी कमाने के लिए आया एक प्रवासी मजदूर, बीते दिनों ख्योवाला ढाब के नजदीक बेसहारा पशु के कारण हुए सड़क हादसे में अपनी जान गंवा बैठा। यहीं बस नहीं पिछले हफ्ते फाजिल्का- फिरोजपुर रोड पर मंडी लाधूका के नजदीक बेसहारा पशु के कारण घटे सड़क हादसे में एक ही परिवार के 7 सदस्य गंभीर घायल हो गए थे। लोगों का कहना है कि पंजाब सरकार ने पिछले दिनों काऊ सैस लगाकर गऊओं की देखभाल का जिम्मा उठाया है। हरेक शहर में कई स्थानों पर गऊशालाएं बनाई गई हैं परंतु फिर भी सड़कों पर मौत बांटते फिरते पशु आम देखे जा रहे हैं। आम जनता का कहना है कि सरकार बड़े स्तर पर प्रयास करके इस समस्या से निजात दिलाए।