डेंगू के वायरस का बदला स्वरूप, बढ़ी मरीजों की संख्या

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Sep, 2017 11:58 AM

dengue virus

शहर के अस्पतालों में डेंगू व वायरल के मरीजों की दिन-प्रतिदिन बढ़ौतरी हो रही है। लक्षणों के आधार पर डेंगू व वायरल के बीच अंतर स्पष्ट करना मुश्किल हो रहा है जिसे लेकर विशेषज्ञ भी काफी परेशान हैं।

लुधियाना,(सहगल): शहर के अस्पतालों में डेंगू व वायरल के मरीजों की दिन-प्रतिदिन बढ़ौतरी हो रही है। लक्षणों के आधार पर डेंगू व वायरल के बीच अंतर स्पष्ट करना मुश्किल हो रहा है जिसे लेकर विशेषज्ञ भी काफी परेशान हैं। डेंगू जांच को लेकर सरकार द्वारा निर्धारित एलाइजा टैस्ट डेंगू की पुष्टि करने में नाकाम सिद्ध हो रहा है। जिसे लेकर कई विशेषज्ञ डेंगू के वायरस के स्वरूप की बात कर रहे हैं जबकि डेंगू एंटीजन एन.एस. वन से डेंगू की जांच करने में डेंगू की पुष्टि होती है परंतु सेहत विभाग इस टैस्ट को पूर्ण रूप से मान्यता नहीं देता। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस टैस्ट विधि को पूरी तरह मान्यता प्रदान की गई है।

विशेषज्ञों की मानें तो वायरल के अधिकतर मरीज डेंगू के लक्षणों वाले हैं इनमें सिरदर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार तथा प्लेटलैट का कम होना आम देखा जा सकता है। एक प्रमुख अस्पताल के चिकित्सक के अनुसार वह मरीज का लक्षणों के आधार पर इलाज कर रहे हैं। अगर एलाइजा विधि से डेंगू की पुष्टि न हो और एन.एस. वन विधि से पुष्टि हो जाए तो वह डेंगू बुखार मान कर लक्षणों के आधार पर इलाज कर रहे हैं जिससे मरीज ठीक होकर वापस जा रहे हैं। उनका काम मरीज को ठीक करना है न कि सेहत विभाग की शर्तें पूरी करना। वैसे भी मैक एलाइजा से अगर पहले सप्ताह डेंगू नैगेटिव आ जाए तो अगले सप्ताह फिर से जांच करनी होती है, क्योंकि यह टैस्ट वीकली पॉजीटिव आता है पर इतने दिनों में मरीज ठीक होकर अपने घर चला जाता है जबकि एन.एस. वन बुखार के पहले 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट दे देता है।  
 

31 मरीजों की हुई पुष्टि, जांच हुई बंद 
अब तक सेहत विभाग द्वारा डेंगू के 31 मरीजों की पुष्टि की जा चुकी है। यह पुष्टि सेहत विभाग द्वारा अस्पतालों से मरीजों के सैंपलों की क्रॉस चैकिंग बंद कर दी गई है। अधिकारियों के अनुसार अब सप्ताह में 2 दिन क्रॉस सैंपङ्क्षलग की जाती है। 

डायरिया का रहा जोर, 2 माह में 2790 मरीज 
सेहत विभाग द्वारा पिछले 2 माह की रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई जाए तो जुलाई में डायरिया के 1369 तो अगस्त में 1421 मरीज सामने आए। इन महामारियों ने निगम की भी पोल खोल कर रख दी। परंतु प्रदूषण आदि के चलते सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई। 2 महीने में 8336 मरीज सामने आए हैं। इनमें 3074 जुलाई तथा 5262 अगस्त महीने में सांस संबंधी बीमारियों से प्रभावित होकर सामने आए हैं।

टायफाइड के 664 मरीज
सेहत विभाग के रिकार्ड के अनुसार पिछले 2 माह में टायफाइड के 664 मरीज शहर के प्रमुख अस्पतालों में सामने आए हैं। 

ब्रोक्राइटिस के 4300 मरीज, दमे के 1333 
अन्य बीमारियों की तरह साधारण बीमारियों का भी गत 2 माह में काफी प्रकोप बना रहा। इनमें 4300 मरीज ब्रोक्राइटिस तथा 1333 मरीज दमे के सामने आए। इस दौरान बारिशों में 9 लोगों को सांप ने डसा इनमें से 2 की मृत्यु हो गई।

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