Edited By Updated: 07 Dec, 2016 10:35 AM
एक तरफ जहां नोटबंदी के 27वें दिन भी बैंकों के आगे अपने खातों से पैसे निकलवाने वाले लोगों की लाइनें कम होने की बजाय बढ़ती नजर आ रही हैं, वहीं अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि पहले तो बैंक वाले सभी लोगों को किसी दिन 2, 6 व 10 हजार रुपए की राशि दे देते थे,...
मोगा(ग्रोवर): एक तरफ जहां नोटबंदी के 27वें दिन भी बैंकों के आगे अपने खातों से पैसे निकलवाने वाले लोगों की लाइनें कम होने की बजाय बढ़ती नजर आ रही हैं, वहीं अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि पहले तो बैंक वाले सभी लोगों को किसी दिन 2, 6 व 10 हजार रुपए की राशि दे देते थे, लेकिन अब आर.बी.आई. द्वारा लिमिट निश्चित करने के बावजूद भी बहुत से बैंकों के अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं।
इस तरह की स्थिति के बाद बैंक मुलाजिमों के कथित तौर पर चहेते व्यक्तियों को जहां 24 हजार रुपए की राशि मिल जाती है, वहीं कई आम खाता धारकों को पूरा दिन बैंक के आगे लाइनों में खड़ा होकर मुश्किल से 2 हजार रुपए ही हासिल होते हैं। इस कारण लोग परेशान हैं। लोगों का आरोप है कि बैंक मुलाजिमों को सभी से एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को कोसते हुए कहा कि 'रोज ही लाइनां च लग के धक्के नहीं खादे जांदे मोदी जी'। बैंकों के आगे खड़े लोग भी यही चर्चा कर रहे हैं कि बैंक मुलाजिम कथित तौर पर अपने जानने वाले लोगों को ज्यादा राशि देते हैं। यही नहीं, शहर के एक बैंक में पिछले दरवाजे द्वारा कैश देने का मामला भी जरूर उठा, लेकिन बैंक मुलाजिमों ने इस संबंधी तुरंत स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि छोटे बैंकों की ब्रांचों को पैसे देने के समय या बैंक मुलाजिमों के लिए पिछला दरवाजा खोला जाता है।