Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Aug, 2017 12:40 PM
जी.टी. रोड इंटरनैशनल बस टर्मिनल के सामने जहाजगढ़ जयइन्द्र सिंह मार्कीट में करोड़ों रुपए की इमारतें नगर सुधार ट्रस्ट एवं नगर निगम की आपसी खींचतान का शिकार हो रही हैं। इस मार्कीट में लगभग दुकानदार अपना कारोबार बंद कर छोड़ गए हैं।
अमृतसर(रमन) : जी.टी. रोड इंटरनैशनल बस टर्मिनल के सामने जहाजगढ़ जयइन्द्र सिंह मार्कीट में करोड़ों रुपए की इमारतें नगर सुधार ट्रस्ट एवं नगर निगम की आपसी खींचतान का शिकार हो रही हैं। इस मार्कीट में लगभग दुकानदार अपना कारोबार बंद कर छोड़ गए हैं।
सारी मार्कीट में बारिश का पानी 12 माह खड़ा रहता है जिससे वहां पर बीमारी पलती रहती है। मार्कीट के न्यू शर्मा टायर के मालिक विक्रांत शर्मा,विशाल मेहता,प्यारा स्ंिाह बिल्ला,रिंकू,शैंटी,हरमन आदि ने बताया कि यह मार्कीट 1996 में ट्रक स्टैंड स्कीम के अंतर्गत नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा बनाई गई थी और इमारतों की इस स्कीम के तहत रजिस्ट्री वर्ष 2000 में की गई थी, लेकिन इस मार्कीट में विकास के नाम पर कोई पैसा नहीं लगा है, सिर्फ ट्रस्ट ने एक बार लोगों को इस मार्कीट में दुकानें दे दीं, उसके बाद किसी भी अधिकारी ने यहां आकर नहीं देखा कि लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल भी रही हैं या नहीं।
विक्रांत ने बताया कि इस मार्कीट में सीवरेज नहीं डाला गया जिससे बरसाती पानी बाहर पार्किंग स्थल में खड़ा रहता है। पूरे पार्किंग स्थल में गड्ढे पड़े हुए हैं जिनसे आए दिन लोगों की गाडिय़ां खराब होती रहती हैं। बरसाती एवं गंदा पानी खड़ा रहने से मच्छरों की भरमार है जिसकी तरफ किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया। इसको लेकर कई बार नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन एवं एस.ई., एक्सियन से मिले लेकिन उनका यही उत्तर होता है कि यह स्कीम के तहत मार्कीट बनी थी और इसे निगम को हैंडओवर कर दिया है। इस पर दुकानदार निगम कार्यलय में पूर्व कमिश्नर सोनाली गिरि से भी मिले तो उन्होंने बताया था कि यह ट्रस्ट के पास ही है, हमें उन्होंने हैंड-ओवर नहीं किया है जिससे हम कोई काम नहीं करवा सकते हैं। दुकानदारों ने बताया कि दोनों की खींचतान में लोगों का नुक्सान हो रहा है।
डा. नवजोत कौर सिद्धू से भी कर चुके हैं फरियाद
मार्कीट के लोगों नें बताया कि सरकार ने सामने एलीवेटिड रोड बनाया, नीचे सड़कें बनाईं लेकिन सड़कों के इर्द-गिर्द मार्कीट के अंदर न तो सड़कें बनाईं न ही सीवरेज लाइन डलवाई जिसका परिणाम है कि आज करोड़ों रुपए की इमारतें न तो कोई खरीद रहा है और न ही कोई यहां पर अपना कारोबार खोल रहा है। इसको लेकर पूर्व विधायक डा. नवजोत कौर सिद्धू से भी फरियाद लगा चुके हैं।उन्होंने ट्रस्ट और निगम को यहां पर काम कराने के बारे में लिखा था लेकिन इस बात को 3 साल हो गए, किसी भी अधिकारी ने एक न सुनी। शाम के समय इन इलाकों में से कोई गुजरना पसंद नहीं करता है कि कहीं गड्ढों के कारण उनके वाहनों का कोई नुक्सान न हो जाए।