Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 11:44 AM
जिला एवं एडीशनल सैशन जज राजेन्द्र अग्रवाल की अदालत ने झूठा मामला दर्ज करने व व्यक्ति से मारपीट करने के आरोपों से घिरे पंजाब पुलिस के 2 सब-इंस्पैक्टर, 3 सहायक थानेदार, 1 हैड कांस्टेबल सहित 9 कर्मियों को आरोप सिद्ध न होने पर बरी कर दिया है।
मोगा(संदीप): जिला एवं एडीशनल सैशन जज राजेन्द्र अग्रवाल की अदालत ने झूठा मामला दर्ज करने व व्यक्ति से मारपीट करने के आरोपों से घिरे पंजाब पुलिस के 2 सब-इंस्पैक्टर, 3 सहायक थानेदार, 1 हैड कांस्टेबल सहित 9 कर्मियों को आरोप सिद्ध न होने पर बरी कर दिया है।
इस संबंधी आरोपी पक्ष के वकील रूपेन्द्र सिंह बराड़ ने बताया कि कस्बा धर्मकोट निवासी शविंद्र सिंह उर्फ शिवा ने 24 मई, 2003 को विजीलैंस ब्यूरो फिरोजपुर में पंजाब पुलिस में तैनात ए.एस.आई. चिरागदीन पर रिश्वत लेने के आरोप में विजीलेंस ब्यूरो में मामला दर्ज करवाया था। यह मामला तत्कालीन जिला एवं एडीशनल सैशन जज अमरजोत कौर भट्टी की अदालत में विचाराधीन था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में शविंद्र सिंह ने 9 अप्रैल, 2009 को अदालत में इस्तगासा दायर करते हुए आरोप लगाया था कि इस मामले की सुनवाई दौरान 6 जून, 2007 को उसकी अदालत में गवाही थी, लेकिन ए.एस.आई. चिरागदीन का समर्थन करने वाले सब-इंस्पैक्टर सुरजीत सिंह, थाना धर्मकोट के तत्कालीन थाना प्रभारी गुरविंद्र सिंह भुल्लर, ए.एस.आई. गमदूर सिंह, ए.एस.आई. स्वर्ण सिंह, हवलदार राज सिंह, कांस्टेबल हरविंद्र सिंह, हरकोमल तथा कुलवंत सिंह ने गवाही से एक दिन पहले 5 जून, 2007 को उसे घर से उठा लिया और उससे मारपीट करने सहित उसके खिलाफ 5 जून, 2007 को ही धोखाधड़ी का झूठा मामला दर्ज किया था। अदालत की ओर से इस मामले में दिए गए 3 दिन के रिमांड दौरान भी उससे कथित तौर पर मारपीट की गई। उसने अदालत के आदेशों पर डाक्टरी चैकअप करवाया था, जिसके बाद 9 अप्रैल, 2009 को माननीय अदालत में उक्त अधिकारियों के खिलाफ इस्तगासा दायर कर इंसाफ की मांग की थी।