Edited By Updated: 15 Apr, 2017 08:47 AM
स्थानीय रेलवे स्टेशन पर 2 यूनियनों के आपसी टकराव के कारण शुक्रवार को स्थिति तनावपूर्ण हो ...........
फरीदकोट (राजन): बड़ी आशाओं के साथ सत्ता में लाई गई नई सरकार जिससे खास करके गरीब लोगों को भारी आशाएं हैं, पर उस समय पानी फिरता दिखा जब 25-25 साल से काम कर रहे डेली वेजिज लेबर कर्मचारी एफ.सी.आई. को पक्का करने की बजाय इनके भविष्य को दाव पर लगा कर ठेकेदारी व्यवस्था को अपना लिया है। आज उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब मालगाड़ी की लोडिंग समय दोनों पक्षों की लेबर के बीच बहस हो गई परंतु पुलिस कर्मचारियों ने स्थिति पर काबू पा लिया। मजदूर यूनियन के प्रधान राजेश सिपाही ने कहा कि 1993 में पंजाब के मुख्यमंत्री मरहूम बेअंत सिंह ने उस समय कें द्रीय फूड सप्लाई मंत्री के साथ बातचीत करके ठेकेदारी प्रथा खत्म कर दी थी और एफ.सी.आई. को ठेकेदारी व्यवस्था से आजाद कर दिया था और यह ऐलान भी किया था कि मजदूरों को 2 साल बाद पक्का कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब यह इंसाफ वाली बात नहीं हुई क्योंकि इतना लम्बा समय गुजर जाने उपरांत उन्हें पक्का तो क्या करना था उलटा उनके रोजगार को खत्म करके उनके पारिवारिक सदस्यों को भी भूखे मारने के लिए योजनाएं बनाईं जा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की तरफ से अब फिर अचानक ठेकेदारी व्यवस्था को हवा दी जा रही है और इसके विरोध में यदि हमारी बात एफ.सी.आई. प्रशासन और सरकार ने न सुनी तो एफ.सी.आई. के गोदामों में दिया जा रहा धरना इसी तरह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मजदूर को केवल 12000 रुपए वेतन में फंडों की कटौती के बाद कम मेहनताना पल्ले पड़ता है जिसमें उनके लिए अपने परिवारों को पालना मुश्किल है।
एफ.सी.आई. के ठेकेदार ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर लोडिंग के काम का उन्होंने ठेका लिया है और अब तक इस प्रोजैक्ट पर वे 70 लाख रुपए लगा चुके हैं।
यहां यह बताने योग्य है कि लोङ्क्षडग के काम का ठेका श्री गुरु राम दास एंड कंपनी को दिया गया है और इसके विरोध में एक रिट मजदूरों की तरफ से अदालत में डाली गई है जिसकी सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। यह भी सुनने को मिला कि मजदूर यूनियन का यह कहना था कि ठेकेदार 21 अप्रैल तक यह काम रोक दें परंतु डी.एम. एफ.सी.आई. का यह कहना था कि इस मसले पर उन्होंने अपने सीनियर्ज के साथ बातचीत की थी परंतु उन्होंने लोडिंग का यह काम ठेकेदार से ही करवाने के लिए कहा है।
स्थिति को नाजुक होते देख डी.एस.पी. दर्शन सिंह और थाना सिटी प्रमुख जगदेव सिंह बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारियों समेत पहुंचे। यहां यह भी बताने योग्य है कि खबर लिखे जाने तक यहां के एस.डी.एम. और पुलिस प्रशासन की तरफ से दोनों पक्षों के बीच एक बार स्थिति को संभालते हुए कुछ दिन के लिए धरना उठाए जाने की सूरत में टिकटिका करवा दिया गया है।