Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 11:09 AM
शेर सिंह घुबाया बेशक अब भी शिरोमणि अकाली दल के सांसद हों, लेकिन उन्होंने शिअद को और शिअद ने उनको बाय-बाय कर दी है। ऐसे में शिअद के अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में फिरोजपुर सीट से बड़ा दांव खेलने की तैयरी कर रही है।
चंडीगढ़ः शेर सिंह घुबाया बेशक अब भी शिरोमणि अकाली दल के सांसद हों, लेकिन उन्होंने शिअद को और शिअद ने उनको बाय-बाय कर दी है। ऐसे में शिअद के अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में फिरोजपुर सीट से बड़ा दांव खेलने की तैयरी कर रही है।
शेर सिंह घुबाया के बेटे दविंदर सिंह घुबाया इस समय फाजिल्का से कांग्रेस के विधायक हैं। शेर सिंह घुबाया 2019 का संसदीय चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ने का विचार कर रहे हैं। ऐसे में उनसे खाली होने वाली फिरोजपुर संसदीय सीट की राजनीतिक जमीन पर अभी से राजदीप कौर के रूप में बीज अंकुरित कर दिया गया है। राजदीप कौर गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी की बहन है। उन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव फाजिल्का से लड़ा था, लेकिन मामूली अंतर से हार गई थीं।
यह शिरोमणि अकाली दल की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने उन्हें अकाली दल में शामिल करके एक तीर से दो निशाने साधे हैं। पहला, सांसद शेर सिंह घुबाया की जगह एक सशक्त उम्मीदवार खोज लिया है। घुबाया के 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल होने की पूरी संभावना है।
दूसरा, अगर राजदीप अकाली दल की सीट पर संसदीय चुनाव लड़ती हैं, तो 2022 में उनके गठजोड़ साथी भाजपा का सबसे बड़ा कांटा निकल जाएगा। फिरोजपुर संसदीय सीट का हिस्सा फाजिल्का विधानसभा सीट भाजपा के पास है। राजदीप कौर के विधानसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़े होने के कारण भाजपा को यह सीट गंवानी पड़ी। भाजपा के पूर्व मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी कांग्रेस के दविंदर सिंह घुबाया से मात्र 265 वोट के अंतर से हार गए।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि फिरोजपुर में किसको लड़वाना है किसको नहीं, इस पर अभी विचार नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी को मजबूत आधार वाले लोगों की तलाश है। राजदीप कौर का फाजिल्का एरिया में अच्छा आधार है। इसे वे विधानसभा के चुनाव में साबित कर चुकी हैं।