Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 07:30 PM
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को आश्वासन दिया है कि उनका देश भारत या कहीं भी किसी अलगा...
अमृतसर: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को आश्वासन दिया है कि उनका देश भारत या कहीं भी किसी अलगाववादी आंदोलन का समर्थन नहीं करता। कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा अलगाववाद पर काबू पाने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री से सहयोग की मांग करने पर श्री ट्रूडो ने उन्हें यह आश्वासन दिया।
क्यूबेक में अलगाववादी आंदोलन का उल्लेख करते ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने इस तरह के खतरों के साथ निपटने में अपनी सारी जिंदगी बिता दी है तथा हिंसा के खतरों से वह पूरी तरह वाकिफ हैं। दोनों नेताओं के बीच करीब 40 मिनट तक चली बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्रूडो को ‘ए’ श्रेणी के नौ लोगों की सूची सौंपी है जो कनाडा में बैठकर पंजाब में नफरत फैलाने तथा अपराधियों को हथियार उपलब्ध कराने के अलावा आतंकवादी गतिविधियां चलाने में मदद कर रहे हैं और यहां युवाओं और बच्चों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
बैठक में कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कनाडाई पंजाबियों का पंजाब में लक्षित हत्याओं में शामिल होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आग्रह किया कि ट्रूडो इसका संज्ञान लेते हुए इस तरह के तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। बैठक में कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन और पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि हालांकि भारतीय संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है लेकिन अलगाववादियों और कट्टरपंथियों के साथ ही उनके हिंसा के प्रचार को पंजाब के लोगों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था इसलिए वह अपना यह अधिकार खो चुके हैं। उन्होंने बताया कि एक अलग सिख राज्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे लोगों की जमानत जब्त हो गई थी।
उन्होंने संयुक्त भारत पर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए श्री ट्रूडो का आभार व्यक्त किया। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कैप्टन द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर आश्वासन देते हुए कहा कि वह भारत के साथ विशेष रूप से पंजाब के साथ घनिष्ठ संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। बैठक के दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने आतंकवाद, अपराध और दवाओं के मुद्दों पर भारत और कनाडा के बीच सहयोग के लिए कहा तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हित में प्रासंगिक जानकारी को अधिक से अधिक साझा करने की मांग की।