प्राइवेट बुक पब्लिशर्ज की किताबें खरीदने का दबाव बना रहे स्कूल

Edited By Updated: 29 Mar, 2017 10:34 AM

book publishers

स्कूलों पर बुक पब्लिशर्ज और किताब विक्रेताओं के साथ कथित सांठगांठ होने का आरोप लगाकर मंगलवार को कुछ स्कूलों के बच्चों के पेरैंट्स ने

लुधियाना(विक्की): स्कूलों पर बुक पब्लिशर्ज और किताब विक्रेताओं के साथ कथित सांठगांठ होने का आरोप लगाकर मंगलवार को कुछ स्कूलों के बच्चों के पेरैंट्स ने डी.ई.ओ. सर्बजीत सिंह को शिकायत दी है। डी.ई.ओ. से मिलने पहुंचे विभिन्न 7 स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि उक्त स्कूलों द्वारा निजी बुक प्रकाशकों की छापी गई किताबें ही चुनिंदा दुकानों से खरीदने के लिए कहा जा रहा है। बाजार में अन्य किसी दुकान पर स्कूलों द्वारा बताई गई किताबें उपलब्ध न होने के कारण पेरैंट्स को परेशानी आ रही है। पेरैंट्स ने शिकायत में कहा कि सी.बी.एस.ई. और पी.एस.ई.बी. ने निजी बुक प्रकाशकों की किताबें स्कूलों में न पढ़ाए जाने की हिदायत दे रखी है लेकिन इसके बिल्कुल विपरीत स्कूल संचालक बच्चों को निजी बुक प्रकाशकों की किताबें खरीदने के लिए कह रहे हैं, जोकि एन.सी.ई.आर.टी. की बुक्स के मुकाबले काफी महंगी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई स्कूल तो अपने बिल्डिंग में से ही किताबें बेच रहे हैं और बिल तक नहीं दिया जा रहा। ऐसे स्कूलों पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

बुक विक्रेताओं के पास कहां से आए पेरैंट्स के नंबर
पेरैंट्स ने आरोप लगाया कि कई बुक विक्रेता तो पेरैंट्स को मैसेज करके अपनी दुकान का पता बता रहे हैं। अब सवाल यह है कि बुक विक्रेताओं के पास पेरैंट्स के नम्बर कहां से आ रहे हैं, जबकि नम्बर केवल स्कूलों के पास ही होते हैं इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बुक विक्रेता भी स्कूलों से ही पेरैंट्स के नम्बर प्राप्त कर रहे हैं। 

कई स्कूलों में सरेआम बिक रही किताबें 
उधर, युवा दि स्ट्रैंथ संस्था की ओर से प्रधान कुमार गौरव और मुख्य संरक्षक चिराग राजू थापर ने भी कुछ अभिभावकों के साथ डी.ई.ओ. को स्कूलों में बिक रही किताबों के बारे में शिकायत सौंपी। गौरव और थापर ने आरोप लगाया कि कई नामी स्कूल अपने स्कूलों के अंदर सरेआम किताबें बेच रहे हैं, जबकि स्कूलों को अपने संस्थानों में कमॢशयल एक्टीविटी करने पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मामले को लेकर वे जल्द ही शिक्षा मंत्री से भी मिलेंगे, ताकि नियम तोडऩे वाले स्कूलों पर कार्रवाई करवाई जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल फिर से अभिभावकों को एनुअल चाॢजस जमा करवाने के लिए कह रहे हैं। अगर पेरैंट्स ऐसा नहीं करते तो उनका रिजल्ट रोका जा रहा है। 

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