Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Dec, 2017 09:38 AM
गुजरात में उम्मीद से कम माॢजन से जीत हासिल करने के बाद भाजपा अब 8 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में जुट गई है।
जालंधर (पाहवा): गुजरात में उम्मीद से कम माॢजन से जीत हासिल करने के बाद भाजपा अब 8 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में जुट गई है। अगले कुछ महीनों में इन सीटों पर मतदान होने हैं। भाजपा के सामने इनमें 4 पर अपना कब्जा कायम रखने की चुनौती है। ये हैं 8 सीटें केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी को इन सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज चेहरों से चुनौती मिलने वाली है इसलिए भाजपा प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी पटखनी देने वाले कैंडीडेट्स की तलाश में है।
उपचुनाव के नतीजों को मोदी सरकार की उपलब्धियों से जोड़कर देखा जाएगा जिसे जी.एस.टी. लागू करने के तौर-तरीकों से लेकर नोटबंदी और किसानों के हालात जैसे विभिन्न मुद्दों पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अभी लोकसभा की जो 8 सीटें खाली हैं, उनमें राजस्थान से 2 अजमेर और अलवर, यू.पी. से 2 गोरखपुर और फूलपुर, बिहार का अररिया, जम्मू-कश्मीर का अनंतनाग, पश्चिम बंगाल का उलुबेरिया और महाराष्ट्र का भंडारा गोंदिया शामिल है।
इस कारण खाली हुई हैं सीटें
अजमेर सीट तत्कालीन भाजपा सांसद सांवर लाल जाट का अगस्त में निधन तथा अलवर की सीट महंत चांद नाथ का सितम्बर में निधन होने से खाली हुई थी। इधर, योगी आदित्यनाथ के यू.पी. के मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद क्रमश: गोरखपुर और फूलपुर की सीटें खाली हो गईं। दोनों ने अगस्त महीने में सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। अररिया के आर.जे.डी. सांसद तस्लिमुद्दीन और उलुबेरिया के टी.एम.सी. सांसद सुल्तान अहमद का सितम्बर में निधन हो गया था जबकि तत्कालीन भाजपा सांसद नानाभाऊ पटोले के हाल में पार्टी छोड़कर संसद सदस्यता से इस्तीफा देने से भंडारा गोंदिया सीट खाली हो गई। 2014 के चुनाव में पटोले ने यहां एन.सी.पी. के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल को हराया था।
फरवरी, 18 तक जरूरी है उपचुनाव करवाना संवैधानिक नियमों के मुताबिक कोई सीट खाली होने के 6 महीने के अंदर वहां उपचुनाव करवाना अनिवार्य है। इस लिहाज से देखें तो खाली पड़े 8 में से कुल 6 सीटों पर उपचुनाव करवाने की अधिकतम समय-सीमा फरवरी 2018 है। हालात सामान्य न होने की वजह से अनंतनाग उपचुनाव टाला जा चुका है। भंडारा गोंदिया में भी वक्त से चुनाव हो जाएगा।
ये चेहरे हैं कतार में
कांग्रेस के सूत्रों ने इशारों-इशारों में कहा कि 2014 चुनाव में हारे राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को पार्टी अजमेर से जबकि भंवर सिंह को अलवर से दोबारा खड़ी करेगी जो चांद नाथ के हाथों पराजित हुए थे। इधर, भाजपा सूत्रों के मुताबिक बेहरोर विधायक और वसुंधरा राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री डा. जसवंत यादव अलवर से जबकि सांवर लाल जाट के पुत्र राम स्वरूप लांबा अजमेर से पार्टी के उम्मीदवार होंगे। भगवा दल पर सबसे ज्यादा दबाव यू.पी. की गोरखपुर और फूलपुर सीटें बचाने का है। हालांकि, योगी आदित्यनाथ का करिश्मा कायम रहने से गोरखपुर में जीत बहुत मुश्किल नहीं दिख रही, लेकिन फूलपुर में जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि हालिया नगरपालिका चुनाव में यहां भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था।