Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 11:48 PM
स्मॉग के कारण पंजाब समेत उत्तरी भारत में जहां इस समय यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वहीं पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पावरकाम) को तकनीकी कारणों से बड़े-बड़े पावर कट लगाने पड़ रहे हैं। स्मॉग ऐसे हालात पैदा कर रहा है, जिसकी वजह से वातावरण में...
पटियाला(राजेश,परमीत): स्मॉग के कारण पंजाब समेत उत्तरी भारत में जहां इस समय यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वहीं पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पावरकाम) को तकनीकी कारणों से बड़े-बड़े पावर कट लगाने पड़ रहे हैं।
स्मॉग ऐसे हालात पैदा कर रहा है, जिसकी वजह से वातावरण में नमी बढ़ रही है और इस कारण हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों पर इनकी परत जम रही है, जिस कारण पावर लाइनें ट्रिप कर रही हैं। स्मॉग के कारण सबसे अधिक प्रभावित मालवा इलाका हुआ है, जिसमें 5 दिनों में 7 बार बिजली ट्रिप कर गई। इसी कारण ही 1800 मैगावाट के तलवंडी साबो बिजली प्लांट में बिजली उत्पादन 2 बार प्रभावित हुआ, जिसकी वजह से पावरकाम को उपभोक्ताओं के लिए बिजली कट लगाने पड़े। रविवार को भी इस तरह के ही हालात रहे और देर रात तक तलवंडी साबो प्लांट नहीं चल सका।
धान के सीजन में दी निर्विघ्न सप्लाई
चाहे पावरकाम ने धान के सीजन दौरान जब बिजली की मांग 11 से 12 हजार मैगावाट थी,निर्विघ्न सप्लाई दी परंतु स्मॉग से 4 हजार मैगावाट की सप्लाई निर्विघ्न देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
तकनीकी खराबी के आगे बेबस हुआ पावरकाम
कुदरती वजह से पैदा हुए इस अजीबो गरीब मौसम में बिजली लाइनें ट्रिप करने के चलते पावरकाम के पास बिजली कट लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं रहा। पावरकाम के अधिकारियों का कहना है कि इस साल अब तक बारिश न होना भी बिजली सप्लाई में रुकावटों का बड़ा कारण है।
सरकारी थर्मल प्लांट पहले ही हैं बंद
बिजली की मांग में गिरावट के कारण पावरकाम ने रोपड़, और बठिंडा स्थित अपने थर्मल प्लाटों के बिजली यूनिट पहले ही बंद किए हुए हैं। बिजली की कुल 4 हजार मैगावाट मांग में से 50 प्रतिशत यानी 2000 मैगावाट की सप्लाई इस समय तलवंडी साबो प्लांट और राजपुरा प्लांट की तरफ से की जा रही है। तलवंडी साबो प्लांट में से 400 के.वी. की 6 लाइनें निकलती हैं, जिसमें से 2 लाइनें मुक्तसर, 2 धूरी और 1-1 नकोदर और मोगा को जुड़ती है।