'नए थाने बनाने से पहले सरकार पुराने थानों की हालत सुधारे'

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 12:01 PM

before making new police stations improve the condition of old police stations

पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि पंजाब में करीब 70 नए थाने स्थापित किए जाएंगे ताकि सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ सके और लोगों के जान-माल की रक्षा हो सके। यह तो है सरकार का फैसला, यदि दूसरी तरफ देखा जाए तो पंजाब सरकार को फैसला लेने से पहले पंजाब के पुराने...

जालंधर(शौरी) : पंजाब सरकार ने फैसला किया है कि पंजाब में करीब 70 नए थाने स्थापित किए जाएंगे ताकि सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ सके और लोगों के जान-माल की रक्षा हो सके। यह तो है सरकार का फैसला, यदि दूसरी तरफ देखा जाए तो पंजाब सरकार को फैसला लेने से पहले पंजाब के पुराने थानों की तरफ भी ध्यान कर लेना चाहिए था। पंजाब में कई सालों से बने अधिकतर थानों की हालत खस्ताहाल हो चुकी है।

थानों में फोर्स की कमी होने के कारण पुलिस जवानों को छुट्टियां भी रो-धोकर लेनी पड़ती हैं। थानों के शौचालयों की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि इनका प्रयोग करने के बाद शायद ही कोई पुलिस कर्मचारी या आम आदमी दोबारा शौचालय की तरफ रुख करे। वहीं थानों में लोगों के बैठने का स्थान न के बराबर ही दिखता है। यदि सरकार इन थानों में पुलिस नफरी बढ़ाने के साथ थानों की हालत ठीक करे तो नए थाने बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

थाने बने कबाड़ की दुकान, पुलिस हुई पड़ी परेशान
जालंधर के अधिकतर थाने कबाड़ की दुकान से कम नहीं दिखते। बात करें थाना मकसूदां की तो थाने की सुरक्षा के लिए कोई पुलिस जवान की जरूरत ही नहीं क्योंकि थाने को कबाड़ रूपी मोटरसाइकिलों व कारों ने चारों ओर से घेर रखा है। इतना ही नहीं थाने के साथ वाले पार्क व थाने के सामने वाली सड़क पर कारें, बसें, ऑटो, मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि क्षतिग्रस्त व खस्ता हालत में पड़े हैं जोकि काफी सालों से ऐसे के ऐसे ही खड़े हैं।

बताया जा रहा है कि सड़क पर ही खड़े उक्त खस्ताहाल वाहनों के कारण रात को कई बार हादसे तक हो चुके हैं। इसके साथ थाना-2 में तो कबाड़ रूपी मोटरसाइकिल, स्कूटर, रिक्शा आदि ने तो पुलिस की मैस पर ही कब्जा कर रखा है। मैस में पुलिस जवानों के खाने की व्यवस्था होती है लेकिन इस मैस में तो पुलिस जवानों को दिन-रात कबाड़ ही दिखता है। यही हालत थाना 1, 5, 6, 7, 8, थाना भार्गव कैंप, थाना बस्ती बावा खेल आदि की दिखती है जहां थानों का अधिकतर हिस्सा कबाड़ हो चुके वाहनों ने घेर रखा है।

अपशगुन समझते हैं लोग वाहन वापस लेना
थानों में सड़क हादसे इत्यादि केसों में जब्त वाहन लोग वापस लेना अपशगुन समझते हैं। थाने के पुलिस जवानों ने बताया कि जैसे ही लोग थाने में वाहन देखने आते हैं तो उसकी हालत देखकर कोई यह कहकर वापस चला जाता है कि उक्त वाहन हादसे में उसका परिजन घायल हो गया, तो कोई कहता है कि उसके परिजन की मौत हो गई। कुल मिलाकर अधिकतर लोग वाहनों को अपशगुन मानते हुए इनकी सुपुर्दगी नहीं लेते। नियम के मुताबिक भी पुलिस वाले वाहनों को अदालत के आदेशों के बिना उनके मालिकों के सुपुर्द (वापस करना) नहीं कर सकते। 

सरकार के आदेश भी हुए फेल
वहीं पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि पिछली सरकार ने थानों में खड़े वाहनों को उनके परिजनों को लौटाने के लिए आदेश दिए थे कि पुलिस लोगों को परवानें नोट करवाएं ताकि लोग जागरूक होकर अदालत से आदेश लेकर वाहन वापस ले जाएं लेकिन इसका असर भी लोगों पर कुछ नहीं हुआ।

हालात तो यह हो गए कि उनके वाहन कई सालों से खड़े-खड़े ही गलने शुरू हो गए। इसके साथ इन दिनों बारिश का सीजन होने के साथ डेंगू फैलने का भी खतरा है। थाना परिसरों के बाहर खुले आसमान तले खड़े वाहनों में पानी भरने के बाद डेंगू मच्छरों की संख्या में वृद्धि का डर है। पंजाब सरकार को चाहिए कि वह पहले इन थानों का सुधार करे।

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