Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 02:13 PM
बस्ती जोधेवाल के टिब्बा इलाके में शनिवार को एक डाइंग में हुई एक वर्कर की मौत के मामले में रविवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब अकाली दल के वर्करों ने उनके एक नेता पर हत्या का झूठा मामला दर्ज किए जाने की आशंका के चलते टिब्बा चौकी के बाहर जमकर प्रदर्शन...
लुधियाना(महेश): बस्ती जोधेवाल के टिब्बा इलाके में शनिवार को एक डाइंग में हुई एक वर्कर की मौत के मामले में रविवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब अकाली दल के वर्करों ने उनके एक नेता पर हत्या का झूठा मामला दर्ज किए जाने की आशंका के चलते टिब्बा चौकी के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इसमें महिलाएं भी शामिल थीं। जिन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस के खिलाफ खुलकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि वर्कर की मौत के मामले में पुलिस ने सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मिलकर शिरोमणि अकाली दल के लुधियाना शहरी अकाली दल के महासचिव अश्विनी पासी के खिलाफ मनगढ़ंत व बेबुनियादी शिकायत लेकर हत्या जैसे संगीन मामले में झूठा फंसाने की साजिश रची, जिसका समय रहते पर्दाफाश हो गया।
अकाली दल के पूर्व विधायक के पी.ए. कमलजीत सिंह ग्रेवाल, परमजीत सिंह पम्मा, संजीव कुमार अरोड़ा ने बताया कि अश्विनी पासी की डाइंग के पास एक अन्य डाइंग में 22 वर्षीय मुनीष कुमार नामक वर्कर की छत से गिरकर मौत हो गई थी। पहले तो पुलिस ने इस मामले में मृतक की माता राज कुमारी की तहरीर पर धारा-174 के तहत कार्रवाई करके उसके शव का पोस्टमार्टम करवा कर उसे सौंप दिया, परंतु बाद में राजनीतिक रंजिश के चलते एक कांग्रेसी विधायक के कहने पर अमित नामक एक शख्स से अश्विनी पासी खिलाफ लिखित में झूठी शिकायत ले ली। इसमें पासी पर संगीन आरोप लगाए गए कि कुछ दिन पहले जिस मुनीष वर्कर से अश्विनी का झगड़ा हुआ था, अश्विनी ने उसे बुरी तरह से पीटा और बाद में छत से नीचे फैंक कर उसे मार दिया। उसकी माता जब मौके पर पहुंची तो पासी ने उसे डरा-धमका कर पुलिस कार्रवाई अपने हक में करवा ली।
पासी ने बताया कि कल रात को उसे उसके एक जानकार का फोन आया कि उसके खिलाफ टिब्बा चौकी में शिकायत दी गई है, जिसमें उस पर हत्या का आरोप है और पुलिस केस दर्ज करने की तैयारी में है। पहले तो उसने इसे हल्के में लेते हुए मजाक समझा, परंतु रविवार को जब एक अखबार में उसके खिलाफ खबर छपी देखी तो उसके होश उड़ गए। जब उसने सच्चाई का पता लगाया तो इसके पीछे राजनीतिक साजिश का खुलासा हुआ। इसमें कुछ पुलिस अधिकारी भी शामिल थे, जबकि मुनीष या उसकी मौत से उसका दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जब उन्होंने चौकी इंचार्ज कपिल कुमार से बात की तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके चलते मजबूर होकर उन्हें चौकी के बाहर धरना लगाना पड़ा। हालांकि पुलिस ने तब शिकायत देने वाले के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना उठवा दिया, परंतु देर रात तक उस शख्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिसने उसके खिलाफ पुलिस के पास झूठी शिकायत लिखवाई थी। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही पुलिस कमिश्नर से मिलकर सारे मामले से अवगत करवाएंगे और उसे साजिश के तहत हत्या जैसे झूठे मामले में फंसाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। इस संबंध में पुलिस का पक्ष जानने के लिए चौकी प्रभारी कपिल कुमार को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।