Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Sep, 2017 05:14 PM
मेला माइसरखाना में लाखों की तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं के मद्देनजर बेशक जिला प्रशासन द्वारा गत एक हफ्ते से मेले के पुख्ता प्रबंध के दावे किए
मौड़ मंडी (प्रवीन): मेला माइसरखाना में लाखों की तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं के मद्देनजर बेशक जिला प्रशासन द्वारा गत एक हफ्ते से मेले के पुख्ता प्रबंध के दावे किए जा रहे हैं परन्तु आज सेहत विभाग पंजाब की बड़ी अनदेखी उस समय सामने आई, जब सिविल अस्पताल मौड़ में डाक्टर मौजूद न होने के कारण एक्सीडैंट के दौरान घायल हुए व्यक्ति इलाज के लिए तड़प रहे थे।
जानकारी के अनुसार आज बाद दोपहर मानसा से आनंद सैनेटरी स्टोर के सुदेश रानी, वीना, पिंकी, गुरलाल व 2 बच्चे हनी और अभी आदि स्विफ्ट कार पर सवार होकर माता माइसरखना में माथा टेकने के लिए जा रहे थे, जब वे बङ्क्षठडा-मानसा पर स्थित रामनगर कैंचियां के पास पहुंचे तो सामने से आ रही पी.आर.टी.सी. की बस से कार की टक्कर हो गई व कार सवार गंभीर घायल हो गए जिनको तुरंत ही सहारा क्लब के सदस्यों ने सिविल अस्पताल मौड़ में भर्ती करवाया परंतु अस्पताल में डाक्टर मौजूद न होने के कारण ड्यूटी दे रहे फार्मासिस्टों व स्टाफ नर्सों ने प्राथमिक उपचार करके घायलों को दूसरे अस्पताल में रैफर करना मुनासिब समझा।
उधर मौड़ बम कांड संघर्ष कमेटी सदस्यों ने सिविल अस्पताल को सफेद हाथी करार देते हुए कहा कि जब भी इलाके में कोई दुर्घटना होती है तो अस्पताल में कोई डाक्टर मौजूद नहीं होता। जिससे कीमती जानें भी चली जाती हैं। उन्होंने कहा कि मौड़ बम ब्लास्ट के दौरान भी अस्पताल में कोई डाक्टर न होने के कारण कई बच्चों को अपनी जिन्दगी से हाथ धोना पड़ा। फिर भी पंजाब सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी।