Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Mar, 2018 11:59 AM
अंधेरा ढल गया मां, बाबा अभी तक काम से क्यों नहीं लौटे। आपकी आंखों में आंसू और घर में लोगों की भीड़ क्यों लगी है। हृदय चीर देने वाले ये सवाल कारों की टक्कर में काल का ग्रास बने मजदूर अपरू ऋषि के मासूम बच्चों द्वारा जब बिलख रही अपनी मां से पूछे गए तो...
लुधियाना(पंकज): अंधेरा ढल गया मां, बाबा अभी तक काम से क्यों नहीं लौटे। आपकी आंखों में आंसू और घर में लोगों की भीड़ क्यों लगी है। हृदय चीर देने वाले ये सवाल कारों की टक्कर में काल का ग्रास बने मजदूर अपरू ऋषि के मासूम बच्चों द्वारा जब बिलख रही अपनी मां से पूछे गए तो वहां खड़ी हर आंख नम हुए बिना न रह सकी। अपरू व रोहित की मौत से न सिर्फ दोनों परिवारों में कोहराम मचा हुआ था, बल्कि पूरे इलाके में मातम छाया हुआ था।
अपनी पत्नी व 3 मासूम बच्चों के पालन-पोषण के लिए अपरू दिहाड़ी लगाने का काम करता था। रविवार को भी जब काम पर जाने के लिए तैयार हुआ तो उससे लिटपकर मासूमों ने छुट्टी का दिन होने के कारण काम पर न जाने और उनके साथ खेलने की डिमांड तो रखी परंतु गरीबी से जूझ रहे अपरू ने बच्चों को शीघ्र वापस आने और उनके लिए खाने-पीने की चीजें लाने का लालच देकर शांत किया तथा घर से काम पर निकल गया। उसे क्या पता था कि वह आखिरी बार अपनी पत्नी व बच्चों को देख रहा है। सड़क किनारे सुरक्षित अन्य मजदूरों के साथ खड़े रहकर दिहाड़ी मिलने का इंतजार कर रहे अपरू व रोहित पर पलटियां खाती कार यमराज बनकर आई व पलक झपकते ही दोनों काल का ग्रास बन गए।
अपने परिवार के अकेले कमाने वाले अपरू की मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया। उसके चाचा जागो मिस्त्री ने बताया कि घर जाने की तैयारी में लगे उसके भतीजे ने रविवार को भी इसलिए दिहाड़ी लगाने का फैसला लिया कि कुछ और रुपयों का बंदोबस्त हो जाएगा और वह परिवार को लेकर गांव जाएगा परंतु होनी बड़ी बलवान है। हजारों किलोमीटर दूर अपने पुश्तैनी घर तो उसने क्या जाना था वह वापस बच्चों व पत्नी तक भी नहीं पहुंच पाया। महज 28 वर्ष की आयु में अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ मौत के आगोश में गए अपरू के साथ 18 वर्ष का रोहित भी परिवार की रोजी-रोटी के लिए उसके साथ दिहाड़ी लगाने लगा था। दोनों साथ में ही काम पर जाते व वापस लौटते थे। उसकी मौत ने भी परिवार को तोड़कर रख दिया है। दोनों परिवार यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर उनकी गलती क्या रही और उन्हें किस पाप की ऐसी सजा मिली कि कमाने वाले दोनों सदस्य पलक झपकते मौत की आगोश में चले गए।