Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 07:50 PM
समय एेसा है कि कोई पैसे लेकर भी अच्छी शिक्षा नहीं देता लेकिन समाज में एेसे भी लोग है जो गरीब बच्चों को शिक्षा फ्री में दे पुण्य का काम कर रहे हैं।
अमृतसरः समय एेसा है कि कोई पैसे लेकर भी अच्छी शिक्षा नहीं देता लेकिन समाज में एेसे भी लोग है जो गरीब बच्चों को शिक्षा फ्री में दे पुण्य का काम कर रहे हैं। 23 वर्षीय मिथुन कुमार, एक रिक्शा चालक का बेटा जिसकी जेब में नौ साल पहले, कोई पैसा नहीं था लेकिन उसने हिम्मत दिखा अपने लक्ष्य को साकार किया। उसने बच्चों की मुफ्त शिक्षा प्रदान की। उसने पुरानी किताबें एकत्र कीं और पास के नांगली गांव में उनके घर के पास एक खाली जमीन पर कक्षाएं लगाना करना शुरू कर दिया।
खर्चों को पूरा करने के लिए उसने शादी, पार्टियों में एक वेटर के रूप में काम किया। अापने काम के प्रति उसकी लगन सदका अाज वे बच्चों की अच्छी कक्षा ले रहा है। उनके इस छोटे से स्कूल को "एम-रियल" का नाम दिया गया था जिसे वे अपनी आय के अलावा दान पर चलाता है। इसमें 170 बच्चे हैं, उनमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूरों के वार्ड हैं।
मिथुन ने बताया कि इस स्कूल में बच्चों को अन्य विषयों के अलावा अंग्रेजी भाषा की मूल बातें सिखाई जाती हैं। उनके तीन छात्र, जो मध्यवर्ती कक्षा में शामिल हो गए, अब हाई स्कूल में हैं, जिसपर उन्हें गर्व है। मिथुन के प्रयासों ने धीरे-धीरे बच्चों में आत्मविश्वास पैदा किया। सोनिया, जो कक्षा द्वितीय में है, एक डॉक्टर बनना चाहती है, जबकि प्रिया अपने 'सर' की तरह एक शिक्षक बनना चाहती है। रेखा और तेजदीप का कहना है कि वे एक दिन "पुलिस" में शामिल होंगी।