Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 11:25 PM
चंडीगढ़ की सड़कों पर बिना परमिट करीब 5500 ऑटो दिन-रात दौड़ रहे हैं। बिना परमिट के ज्यादातर ऑटो पंचकूला, जीरकपुर....
चंडीगढ़(सुशील राज): चंडीगढ़ की सड़कों पर बिना परमिट करीब 5500 ऑटो दिन-रात दौड़ रहे हैं। बिना परमिट के ज्यादातर ऑटो पंचकूला, जीरकपुर और मोहाली से चंडीगढ़ में प्रवेश करते हैं जिनमें से ज्यादातर डीजल ऑटो हैं जो शहर में पॉल्यूशन बढ़ाने के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों की भी अनदेखी कर रहे हैं। इन पर एस.टी.ए. और चंडीगढ़ पुलिस भी रोक लगा पाने में विफल हो चुकी है।
एस.टी.ए. और चंडीगढ़ पुलिस द्वारा महीने में एक बार इन ऑटो चालकों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है और फिर कागजी कार्रवाई कर आराम से बैठ जाते हैं। कई ऑटो चालक तो रात के समय आपराधिक वारदातों को अंजाम भी देते हैं। ज्यादातर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले ऑटो का नंबर दूसरे राज्यों का पाया गया है। पुलिस की मानें तो पंचकूला, जीरकपुर और मोहाली में ऐसे ऑटो चंडीगढ़ सवारियां लाते हैं जिन्हें 15 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। ऐसे ऑटो चालक लोगों की जान खतरे में डालकर कमाई करने में जुटे हैं।
10 हजार ऑटो दौड़ते हैं सड़कों पर
चंडीगढ़ की सड़कों पर करीब 10 हजार ऑटो दौड़ते हैं जिनमें 4500 ऑटो एस.टी.ए. के पास रजिस्टर्ड हो रखे हैं। चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड ऑटो एल.पी.जी. से चलते हैं जबकि पंचकूला, मोहाली और जीरकपुर से जो ऑटो आते हैं वे डीजल से चलते हैं। करीब 5500 ऑटो अवैध रूप से दौड़ रहे हैं। हैरानी यह है कि अवैध ऑटो पंचकूला से सैक्टर-17, मोहाली से सैक्टर-34 और सैक्टर-17 में आकर सवारियां लेकर चले जाते हैं। सूत्रों की मानें तो अवैध रूप से ये ऑटो एस.टी.ए. और पुलिस कर्मियों के बलबूते ही चल रहे हैं।
दुराचार की वारदात को अंजाम दिया था ऑटो चालक ने
दिसम्बर, 2016 में कॉल सैंटर में कार्यरत युवती से ऑटो चालक और उसके साथी ने सैक्टर-29 के जंगल में दुराचार किया था। इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने चालक और उसके साथी पर दुराचार का केस दर्ज किया था। चंडीगढ़ पुलिस ने चालक के साथी को तो काबू कर लिया था परंतु अभी तक मुख्य आरोपी ऑटो चालक को काबू नहीं किया जा सका है। पुलिस ने इसके बाद एस.टी.ए. से ऑटो का रिकार्ड लिया था जिसमें पाया कि जिस ऑटो से वारदात की अंजाम दिया गया वह चंडीगढ़ में रजिस्टर नहीं था।
चंडीगढ़ में डीजल के अवैध ऑटो बंद करने के लिए जल्द ही प्रशासन को पत्र लिखकर बैठक की जाएगी ताकि शहर को पॉल्यूशन फ्री किया जा सके।-संतोष कुमार वन निदेशक, चंडीगढ़ प्रशासन