Edited By Updated: 01 Jan, 2017 02:43 PM
इस सीट पर पिछले 10 वर्षों से अकाली दल का कब्जा है और उससे पहले कभी कांग्रेस तो कभी अकाली दल सीट पर काबिज रहा है इसके बावजूद कहा जा रहा है कि सरकार ने शहरी धरोहरों पर कभी ध्यान नहीं दिया।
जलालाबादः इस सीट पर पिछले 10 वर्षों से अकाली दल का कब्जा है और उससे पहले कभी कांग्रेस तो कभी अकाली दल सीट पर काबिज रहा है इसके बावजूद कहा जा रहा है कि सरकार ने शहरी धरोहरों पर कभी ध्यान नहीं दिया। शहर में रानी महल, गेट, कोठी स्कूल और पुरानी तहसील की ईमारतें जो काफी वर्षों से पुरानी हैं लेकिन आज भी लोग उक्त ईमारतों को देखने के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं लेकिन उनके जीर्णोद्धार के लिए सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और साथ में मुक्तसर सर्कुलर रोड पर श्री ऊधम सिंह पार्क को नया रूप देकर बुजुर्गों की सैर के लिए और बच्चों के लिए खेलने के लिए अच्छा काम किया है।
वहीं विधायक सुखबीर बादल का दावा है कि साढे़ सात वर्षों में शहर तथा गांवों के लिए करीब 1200 करोड़ रुपए का फंड रिलीज करवाया जिसमें तीन बिल्डिंगें स्कूलों बिल्डिंगे, लड़कियों का कालेज, मल्टीपरपज स्टेडियम, गांवों में आर.ओ. सिस्टम, सीसी फ्लोरिंग, नए अस्पताल की बिल्डिंग तथा शहर में नई सड़कों का निर्माण करवाया और सीवरेज व्यवस्था को 100 प्रतिशत बनाया ओर जबकि कांग्रेस सरकार के समय विकास नामात्रा थे और अब वल्र्ड कबड्डी कप करवाकर जलालालाबाद विश्व भर में फैलाया है। जलालाबाद की विधान सभा सीट पर हमेशा ही जातिवाद को लेकर राजनीतिक लाभ मिलता रहा है। जिसके तहत ज्यादातर चुनावी मुकाबलों में अकाली दल विजयी रहा है। जिसकी मिसाल 2009 तथा 2012 में विजयी रहे सुखबीर सिंह बादल जिन्हें राय सिख बिरादरी के साथ-साथ अन्य बिरादरियों भी सर्वाधिक मतदान करके रिकार्डतोड़ मतों विजय दिलाकर विधानसभा में भेजा।