Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 02:04 PM
10वीं कक्षा में 81 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली गांव रामपुर साहिवाल की दलित समाज की 17 वर्षीय वीरपाल कौर को सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल टौहड़ा में जलील किए जाने का मामला गर्मा गया है।
पटियाला (जोसन): 10वीं कक्षा में 81 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाली गांव रामपुर साहिवाल की दलित समाज की 17 वर्षीय वीरपाल कौर को सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल टौहड़ा में जलील किए जाने का मामला गर्मा गया है।
वीरपाल कौर और उसके पारिवारिक सदस्यों ने एस.सी./बी.सी. इम्प्लाइज फैडरेशन पंजाब के प्रांतीय नेता और दलित नेता डा. जतिन्द्र सिंह मट्टू को अपने साथ हुई धक्केशाही बारे बताया। पीड़ित परिवार ने एस.सी. कमीशन पंजाब के पास इंसाफ के लिए गुहार लगाई है। मामले की जांच के लिए कमीशन ने पटियाला के डी.एस.पी. ट्रैफिक जसकीरत सिंह के पास फाइल भेजी है।
पीड़ित लड़की के बयान दर्ज करवाने और उसके परिवार के साथ हुई धक्केशाही के खिलाफ डा. जतिन्द्र सिंह मट्टू ने डी.एस.पी. ट्रैफिक पटियाला के साथ मुलाकात की। उनके साथ आदि धर्म समाज (आधस) भारत के राष्ट्रीय जनरल सचिव भाई लवली और समाज सेवी सुरिन्द्र सिंह भी थे।दलित नेता डा. मट्टू ने कहा कि वीरपाल कौर के परिवार ने उनको बताया कि गांव में जिस घर में से वह पानी भर कर लाते थे, उन्होंने भी वीरपाल के परिवार का पानी बंद करवा दिया है। किसी दानी सज्जन ने उनके घर पानी का प्रबंध करवाया। शिक्षा के मंदिर में यदि साजिश के अंतर्गत ऐसा किया जा रहा है तो इससे बड़ा घिनौना जुर्म कोई नहीं।
10वीं कक्षा की छात्रा वीरपाल कौर ने कहा कि स्कूल के बाकी अध्यापक भी उसे क्लास में आगे वाले बैंच पर बैठने से रोकते हैं। उसकी जाति प्रति अपशब्द बोलते हैं। रंजिश निकालने के लिए वीरपाल के 10वीं कक्षा में उसी स्कूल में पढ़ते भाई जसविन्द्र सिंह का नाम भी स्कूल में से काट दिया गया है। यदि पीड़ित परिवार को इंसाफ न मिला तो दलित समाज इंसाफ लेने के लिए बड़े स्तर पर संघर्ष शुरू करेगा।
जांच चल रही है : डी.एस.पी. जसकीरत
डी.एस.पी. पटियाला जसकीरत सिंह का कहना है कि इस सम्बन्धित आज बयान कलमबद्ध किए गए हैं। जांच जारी है। जल्द ही सत्य सबके सामने आ जाएगा।
प्रिंसीपल भाटिया ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
इस संबंधी सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसीपल जगजीत सिंह भाटिया ने स्कूल पर लग रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि वीरपाल हमारी अपनी बच्ची है। हम उसके साथ कैसे भेदभाव कर सकते हैं। स्कूल में उसको पूरा सत्कार दिया जाता है। कुछ गलतफहमियों के कारण ही 6 माह पहले भादसों थाने में समझौता हो गया था। आज फिर डी.एस.पी. पटियाला को वे सभी अपने बयान दर्ज करवा कर आए हैं। प्रिंसीपल भाटिया ने कहा कि वीरपाल के भाई को भी इस परिवार ने खुद ही स्कूल में से हटाया था। हमारे स्कूल के दरवाजे प्रत्येक के लिए सदा खुले हैं। जानबूझ कर मामला फिर भड़काने की साजिश हो रही है। हम इस बच्ची के लिए भेदभाव करने की बात सोच भी नहीं सकते।