बिजली कर्मचारियों के धरने कारण सारा शहर रहा अस्त-व्यस्त

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 01:23 PM

protest of power com employee

बिजली कर्मियों की प्रमुख जत्थेबंदियां टैक्निकल सॢवसिज यूनियन, इम्प्लाइज फैडरेशन सुरिन्द्र सिंह, पी.एस.ई.बी. इम्प्लाइज फैडरेशन, थर्मल इम्प्लाइज को-ऑर्डीनेशन कमेटी, इम्प्लाइज फैडरेशन और कर्मचारी दल पर आधारित बिजली मुलाजिम फ्रंट, वर्कर्ज फैडरेशन इंटक,...

पटियाला(जोसन): बिजली कर्मियों की प्रमुख जत्थेबंदियां टैक्निकल सॢवसिज यूनियन, इम्प्लाइज फैडरेशन सुरिन्द्र सिंह, पी.एस.ई.बी. इम्प्लाइज फैडरेशन, थर्मल इम्प्लाइज को-ऑर्डीनेशन कमेटी, इम्प्लाइज फैडरेशन और कर्मचारी दल पर आधारित बिजली मुलाजिम फ्रंट, वर्कर्ज फैडरेशन इंटक, मिनिस्ट्रियल सॢवस यूनियन, हैड आफिस इम्प्लाइज फैडरेशन और पंजाब राज्य बिजली बोर्ड मजदूर संघ के आह्वान पर पूरे पंजाब से एकत्रित हुए हजारों बिजली कर्मचारियों के धरने कारण सारा शहर अस्त व्यस्त रहा। 
 

धरने को हरमेश धीमान, जैल सिंह, ब्रिज लाल, गुरसेवक सिंह संधू, सुखदेव सिंह रोपड़, अवतार कैंथ, विजय कुमार, अमरीक सिंह नूरपुर, रणबीर सिंह पातड़ां, हरपाल सिंह खंगूड़ा, कारजविन्द्र सिंह बुट्टर, रछपाल सिंह संधू, सुरिन्द्र कुमार शर्मा, परमजीत सिंह दसूहा, परमजीत सिंह भीखी, कमलजीत सिंह, मङ्क्षहद्र नाथ, फलजीत सिंह, बलदेव सिंह, हरजिन्द्र सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि 15 जनवरी के बाद लगातार मैनेजमैंट बैठकों में दिए भरोसे को लागू करने से टाल-मटोल की नीति अपना रही है। 8 दिसम्बर 2017 को लेबर कमिश्नर के साथ मीटिंग दौरान मानी मांगों को लागू करने के लिए हिदायतें जारी करने के अलावा मैनेजमैंट पंजाब के प्राइवेट थर्मलों से महंगी बिजली खरीदने के लिए सरकारी थर्मलों को बंद कर रही है। 

वक्ताओं ने बताया कि 715 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी थर्मलों के नवीनीकरण के साथ थर्मलों की उम्र, सामथ्र्य और निपुणता में विस्तार हुआ है। सरकारी थर्मल सस्ती बिजली पैदा करते हैं तो भी पंजाब के खपतकारों सिर भार चढ़ाने के लिए प्राइवेट थर्मलों से गलत प्राइवेट पॉवर परचेज समझौते करके महंगी बिजली खरीदी जा रही है। पिछले साल 2700 करोड़ रुपए बिना बिजली खरीदे पावरकॉम की तरफ से प्राइवेट कंपनियों को अदा करने पड़े। पंजाब सरकार पावरकॉम को सबसिडी के 4400 करोड़ रुपए अदा नहीं कर रही। इस कारण संस्था लगातार घाटे में जा रही है। 

नेताओं ने बठिंडा थर्मल में लोकतंत्रीय ढंग से रोष प्रकट कर रहे नेताओं-वर्करों पर पुलिस द्वारा झूठे केस दर्ज करने की ङ्क्षनदा करते हुए मांग की कि यह केस तुरंत वापस लिए जाएं और थर्मल के बंद किए यूनिट चालू किए जाएं। उन्होंने कहा कि मैनेजमैंट की कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण कर्मचारियों में लगातार रोष बढ़ रहा है। नेताओं ने मैनेजमैंट को चेतावनी के साथ अगले संघर्ष की घोषणा करते हुए कहा कि यदि मैनेजमैंट ने मानी मांगें लागू न कीं तो बिजली कर्मचारी 19 फरवरी से वर्क-टू-रूल काम शुरू कर देंगे, दोनों निगमों के चेयरमैन समेत डायरैक्टरों के फील्ड में जाने के समय उनके विरुद्ध काले झंडों के साथ प्रदर्शन करेंगे और अप्रैल के पहले हफ्ते हड़ताल की जाएगी। 

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