Edited By Updated: 21 Jun, 2016 10:15 AM
चुनाव नजदीक आने के चलते सरकार ने ऐसे प्रबंध कर दिए हैं या सरकार की खुशनसीबी है कि हालात ही ऐसे बन गए, इस पर
खन्ना : चुनाव नजदीक आने के चलते सरकार ने ऐसे प्रबंध कर दिए हैं या सरकार की खुशनसीबी है कि हालात ही ऐसे बन गए, इस पर अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन सच्चाई यह है कि भीषण गर्मी के बावजूद पंजाब में लोगों को पावर कटों से छुटकारा मिला हुआ है।15 जून से धान की बुआई शुरू हो गई जिससे किसानों को रोजाना 8 घंटे बिजली सप्लाई जारी कर दी गई है।
पावर कॉम के पावर परचेज एंड रैगुलेशन के प्रवक्ता ने बताया कि इस समय राज्य में लगभग 10 हजार मैगावाट बिजली की मांग चल रही है। विभाग के अपने थर्मल प्लांटों रोपड़ के 6 में से 5 यूनिटों में 991 मैगावाट, भटिंडा के सभी चारों यूनिटों में 416, लहरा मुहब्बत मे सभी चारों यूनिटों में 850, अन्य हाईडल पावर स्टेशनों में 553 व प्राइवेट पावर प्लांट राजपुरा व तलवंडी साबो में 2544 मैगावाट मिलाकर पंजाब के पास अपनी 5354 मैगावाट बिजली का उत्पादन चल रहा है। सैंट्रल पूल से लगभग 5000 मैगावाट बिजली मिलने से पंजाब में उत्पादन व सप्लाई का संतुलन बराबर चल रहा है जिससे पावर कट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बिजली उपलब्ध होने का दूसरा कारण है कि पंजाब के मंडी गोङ्क्षबदगढ़-खन्ना के लोहा उद्योग में बहुत-सी रोङ्क्षलग मिलें व फर्नेस यूनिटें जो अधिक बिजली प्रयोग करती हैं, बंद पड़ी हैं और जो चल रही हैं, वे भी ज्यादातर ओपन एक्सैस प्रणाली के अंतर्गत निजी उत्पादकों से बिजली खरीद रही हैं जोकि पावर कॉम के मुकाबले 70-80 पैसे प्रति यूनिट सस्ती पड़ रही है। अगर आने वाले समय में निजी उत्पादक रेट बढ़ाते हैं तो पावर कॉम के लिए कुछ समय के लिए पावर कट लगाने की नौबत आ सकती है लेकिन सूत्रों की मानें तो फिलहाल ऐसा होना असंभव है।