Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Oct, 2017 02:58 PM
पोलो ग्राऊंड में मैंटीनैंस के खर्चे में बढ़ौतरी को लेकर जिला खेल अधिकारी ने हाल ही में अथॉरिटी से मांग की है। इतने बड़े पोलो ग्राऊंड में बास्केटबॉल, हॉकी, फुटबॉल समेत अलग-अलग गेम्स के ग्राऊंड हैं।
पटियाला(प्रतिभा): पोलो ग्राऊंड में मैंटीनैंस के खर्चे में बढ़ौतरी को लेकर जिला खेल अधिकारी ने हाल ही में अथॉरिटी से मांग की है। इतने बड़े पोलो ग्राऊंड में बास्केटबॉल, हॉकी, फुटबॉल समेत अलग-अलग गेम्स के ग्राऊंड हैं। इन ग्राऊंड्स की मैंटीनैंस के लिए जिला खेल दफ्तर को 10 हजार रुपए मिलते हैं जोकि काफी कम हैं। ऐसे में इन पैसों को बढ़ाने की मांग जिला खेल अधिकारी ने अथॉरिटी से की है, ताकि मैंटीनैंस बेहतर तरीके से हो सके। इसके अलावा पोलो ग्राऊंड की लोअर माल की तरफ बनी दीवार काफी खराब हो चुकी है, इसे ठीक करवाने को लेकर भी एक प्रपोजल तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि शनिवार को डायरैक्टर स्पोर्ट्स अमृत गिल एक स्कूल के फंक्शन में शिरकत करने पहुंची थीं। इसी दौरान उन्होंने जिला खेल दफ्तर और पोलो ग्राऊंड का भी दौरा किया। उन्होंने ग्राऊंड और गेम्स की डिवैल्पमैंट को लेकर भी बात की। इसी दौरान जिला खेल अधिकारी उपकार सिंह ने बताया कि उन्हें 1-2 परेशानियां हैं, जिनका हल जरूरी है। इसमें मैंटीनैंस के खर्च में बढ़ौतरी और ग्राऊंड की दीवार बनवाने के बारे में बताया गया, जिसे लेकर डायरैक्टर स्पोर्ट्स का रिस्पांस पॉजीटिव रहा।
मैंटीनैंस खर्च 15 हजार करने की मांग
जिला खेल अधिकारी ने मैंटीनैंस खर्च 15 हजार रुपए करने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स कौंसिल से 15 हजार फंड लेने की मंजूरी दी जाए। इस पर डायरैक्टर स्पोर्ट्स ने उन्हें प्रपोजल बनाकर भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि फिलहाल दीवार नई बनवाने के लिए फंड नहीं है, इसलिए सिर्फ मुरम्मत करने का खर्च अथॉरिटी दे सकती है। इसका भी प्रपोजल बनाकर भेजें।
कुश्ती हाल बनाने की भी मंजूरी मिली
वहीं पोलो ग्राऊंड में कुश्ती हाल बनाने के लिए जिला खेल दफ्तर को अथॉरिटी से जहां मंजूरी मिल गई है वहीं जल्द काम भी शुरू हो जाएगा। इसे लेकर जिला खेल अधिकारी उपकार सिंह ने बताया कि डायरैक्टर स्पोर्ट्स से हाल को लेकर बात हुई थी, उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी है। यहां कुश्ती का मास्टर कैडर ही तैयार हो जाएगा, क्योंकि डिपार्टमैंट के खिलाड़ी अलग-अलग जगहों पर कुश्ती की ट्रेङ्क्षनग ले रहे हैं। हाल बनने से वे सभी यहां एक ही जगह ट्रेनिंग करेंगे। हाल के लिए किसी संस्था या एन.आर.आई. से सहायता ली जाएगी क्योंकि डिपार्टमैंट के पास फिलहाल फंड नहीं है और वह हाल बनाने के लिए फंड नहीं दे सकते।