Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Dec, 2017 01:35 PM
सुबह-शाम ग्राऊंड में कुर्सी पर बैठकर खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग देने वाले कोच और डी.पी.ईज पर सरकार का पूरा फोकस रहेगा। इनके प्रदर्शन पर अब खास नजर रखी जाएगी क्योंकि खिलाडिय़ों का आधार इस उम्र में ही बनना है और सरकार अब खेलों को गंभीरता से प्रोत्साहित करना...
पटियाला(प्रतिभा): सुबह-शाम ग्राऊंड में कुर्सी पर बैठकर खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग देने वाले कोच और डी.पी.ईज पर सरकार का पूरा फोकस रहेगा। इनके प्रदर्शन पर अब खास नजर रखी जाएगी क्योंकि खिलाडिय़ों का आधार इस उम्र में ही बनना है और सरकार अब खेलों को गंभीरता से प्रोत्साहित करना चाहती है। ये शब्द डायरैक्टर स्पोर्ट्स पंजाब अमृत कौर गिल ने यहां पोलो ग्राऊंड में खास बातचीत के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कोच और फिजीकल अध्यापकों के एन.आई.एस. में खास रिफ्रैशर कोर्स भी करवाए जाएंगे ताकि खेल और खिलाडिय़ों के बुनियादी ढांचे को ऊपर उठाया जा सके।
खेल नीति को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार खेल नीति तैयार करने में जुटी है, पर इसके लिए काफी रिसर्च हो रही है, क्योंकि जल्दबाजी में कोई भी नीति तैयार नहीं करनी चाहिए। पिछली सरकार की तरफ से तैयार की गई खेल नीति को लेकर उन्होंने कहा कि क्यों न उस नीति में जो भी अच्छी सिफारिशें हैं, उन्हें इस बार की नीति में भी शामिल किया जाए। वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर अमृत गिल ने कहा कि पिछली सरकार ने काफी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनवाए हैं। करीब सभी जिले इसमें पूरे किए गए हैं, तो अब यह देखना है कि इसका प्रयोग कैसे किया। ताकि ये खराब न हों और खेलों में काम भी आएं। खेलों के क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के इरादे से बहुत से रिटा. कोच और पूर्व खिलाड़ी वालंटियरी विभाग के साथ जुडऩा चाहते हैं। बहुत से ऐसे वालंटियरों ने अप्रोच की है जिसे देखते हुए 800 के करीब वालंटियरों से अथॉरिटी बात कर रही है।
इसके लिए सभी जिलों के खेल अधिकारियों की ड्यूटियां भी लगा दी हैं। उनके अनुभव का नए खिलाडिय़ों को भी फायदा मिलेगा। आऊट सोर्सिंग से रखे गए कोच को रैगुलर करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान खिलाडिय़ों के बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने पर है। कोच के लिए भी सोचा जाएगा। फिलहाल तो वह विभाग में काम कर ही रहे हैं। पटियाला में बन रही स्पोर्ट्स यूनिवॢसटी को लेकर उन्होंने कहा कि राजा रणधीर सिंह की अगुवाई में कमेटी स्थापित हो चुकी है लेकिन अभी पूरा ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर से पहले करिकुलम (सिलेबस) और अनुभवी फैकल्टी रखने पर है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जमीन व अन्य औपचारिकताएं तो पूरी हो ही जाएंगी। पहले तो सवाल यह है कि सिलेबस ऐसा तैयार हो ताकि स्टूडैंट्स यहां से पढ़कर नौकरी हासिल कर सकें।
वल्र्ड कबड्डी कप के खिलाडिय़ों को अभी तक नहीं मिली प्राइज मनी
अकाली सरकार का अहम प्रोजैक्ट वल्र्ड कबड्डी कप 2016 की विजेता और उप विजेता टीमों को उनकी प्राइज मनी अभी तक नहीं दी गई है। सरकार द्वारा 2009 में शुरू किए गए इस प्रोजैक्ट के तहत आखिरी बार मुकाबले 2016 में हुए। उस दौरान भारतीय पुरुष और महिला कबड्डी टीमों ने पहला स्थान हासिल किया था। पुरुषों की ईनामी राशि 2 करोड़ रुपए थी और इतनी ही लगभग महिला टीम की भी थी। जबकि उप विजेता टीम को 1 करोड़ रुपए और तीसरे नंबर पर रहने वाली टीम को 50 लाख रुपए दिए जाने थे, पर अकाली सरकार के चुनाव में हारने के बाद अब उम्मीद कांग्रेस सरकार से ही है। वहीं इस मामले में डायरैक्टर स्पोर्ट्स अमृत कौर गिल ने कहा कि सरकार के ध्यान में यह मामला है और जल्द ही प्राइज मनी दिए जाने के लिए प्रबंध किए जाएंगे।