देश की आखिरी महारानी थीं राजमाता मोहिंदर कौर, पाक  शरणार्थियों के अपने हाथों से की थी सेवा

Edited By Sonia Goswami,Updated: 25 Jul, 2017 11:56 AM

rajmata mohinder kaur no more

पंजाब के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह की मां राजमाता मोहिंदर कौर (95) का सोमवार शाम निधन हो गया। बताया जाता है कि वे 1947 तक पटियाला स्टेट में राज करने वालीं देश की आखिरी महारानी थीं।

पटियालाः पंजाब के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह की मां राजमाता मोहिंदर कौर (95) का सोमवार शाम निधन हो गया। बताया जाता है कि वे 1947 तक पटियाला स्टेट में राज करने वालीं देश की आखिरी महारानी थीं।  इतिहासकार कुलबंत ग्रेवाल ने बताया, राजमाता मोहिंदर कौर इतनी बरकत वाली औरत थी कि इन्होंने सारा महल व परिवार संभालकर एक मुट्‌ठी में करके रखा था। उन्हें अपने शाही शहर पटियाला से बेपनाह मोहब्बत थी। आज इन्हीं के नक्शेकदम इनकी बहू परनीत कौर भी चल रही हैं। ग्रेवाल बताते हैं कि मोहिंदर कौर ने पंजाब स्टेट में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के लिए शाही महल के अपने दरवाजे खोल दिए थे। वे खुद लंगर पकाती थीं। इन लोगों की सेवा राजमाता ने नंगे पैर और सिर ढककर की थी।

मैडीकल कैंपों की निगरानी भी उन्होंने खुद की थी। वे इन शरणार्थियों के दुख में इस कदर शामिल हुई कि उन्हें दुकानें दिलाई और उनका कारोबार शुरू कराया। वे बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। वे लोगों का दुख दर्द नहीं देख पातीं थीं। शाही परिवार से जुड़ी होने के बावजूद राजमाता मोहिंदर कौर ने लंबे समय तक समाज सेवा की थी।

16 साल की उम्र में राजमाता की हुई थी शादी 

वे 1964 से 67 तक कांग्रेस पार्टी की तरफ से राज्यसभा और फिर 1967 से 71 तक लोकसभा सांसद रहीं।  राजनेता के तौर पर भी वह काफी सक्रिय रहीं। मोहिंदर कौर काफी समय से बीमार थीं।  मार्च में ब्लड प्रेशर और सांस नली में तकलीफ के चलते कोलंबिया एशिया में भर्ती कराया गया था, फिर वहां से उन्हें पीजीआई शिफ्ट किया गया था।  कुछ दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन सोमवार शाम करीब शाम 7.30 बजे उन्होंने पटियाला के मोती महल में आखिरी सांस ली।

14 सितंबर 1922 को मोहिंदर कौर का जन्म लुधियाना में हुआ था। उनके पिता हरचंद सिंह जेजी पटियाला रियासत प्रजा मंडल के मेंबर थे। जेजी सरदार सेवा ठीकरीवाला के सहयोगी व रिश्तेदार भी थे। हरचंद सिंह जेजी को स्टेट से निकाल दिया गया था जिसके बाद जेजी यहां से लाहौर चले गये थे।  मोहिंदर कौर ने लाहौर से पढ़ाई की थी। कुछ समय बाद जेजी सुलह महाराजा के परिवार से हो गई थी। सुलह के बाद अगस्त 1938 में 16 साल की उम्र में राजमाता मोहिंदर कौर की शादी महाराजा यादविंदर सिंह से हुई थी।  राजमाता मोहिंदर कौर ने साल 1939 में पहली बेटी हेमिंदर कौर (नटवर सिंह की धर्मपत्नी) को जन्म दिया था। इसके बाद बेटी रूपिंदर कौर का जन्म हुआ। 
- कैप्टन अमरेंद्र का जन्म 1942 में और राजा मालविंदर सिंह का जन्म 1944 में हुआ था।

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