पंजाब के निकायों को अार्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए मंत्री सिद्धू का सी.एम. को 20 प्वाइंट का एजैंडा

Edited By Updated: 24 May, 2017 08:52 AM

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पंजाब में नगर निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार, प्रोजैक्ट्स को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने, ई-गवर्नैंस, ऑडिट, नए सीवरेज और फायर फाइटिंग सिस्टम सहित शहरी लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्लान तैयार...

चंडीगढ़(अनिल भारद्वाज): पंजाब में नगर निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार, प्रोजैक्ट्स को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाने, ई-गवर्नैंस, ऑडिट, नए सीवरेज और फायर फाइटिंग सिस्टम सहित शहरी लोगों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्लान तैयार किया है। इस 20 प्वाइंट वाले एजैंडा को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सौंप चुके हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी योजना के लागू होने के बाद जहां शहरों का कायाकल्प होने से लोगों की स्थानीय निकायों से संबंधित रोजमर्रा की मुश्किलें दूर होंगी, वहीं अनियमितताओं पर भी अंकुश लगेगा। अब देखना यह है कि उनकी योजना कहां तक सफल हो पाती है। योजना के कुछ अहम पहलुओं का संक्षिप्त ब्यौरा इस प्रकार है।

 

पैंडिंग बिल और प्रॉपर्टी टैक्स
स्थानीय निकायों को आर्थिक रूप से स्व: निर्भर करने के उद्देश्य से पानी के पैंडिंग बिलों और बकाया प्रॉपर्टी टैक्सों की वसूली के संबंध में नई योजना पर विचार कर रहा है। बिल व टैक्स किस्तों में लिए जाएंगे ताकि निकायों को निरंतर आय होती रहे और लोगों को भुगतान में दिक्कत भी न हो। पिछली सरकार ने दस साल इस पर ध्यान नहीं दिया जिससे जहां लोगों पर भार बढ़ता गया, वहीं निकायों की आर्थिक हालत कमजोर होती गई। अत्याधुनिक फायर फाइटिंग सिस्टम: अनुमान के अनुसार पंजाब की आबादी के हिसाब से करीब 500 फायर टैंडरों की जरूरत है जबकि अभी यह करीब 100 ही है। ऐेसे में 400 और फायर टेंडरों की और आवश्यकता है। इस दिशा में भी विभाग ने काम शुरू कर दिया है।

 

प्रॉपर्टीज की रैगुलराइजेशन
मौजूदा समय में नगर निकायों के दायरे में कई ऐसी इमारतें, कॉलोनियां आदि हैं, जो रैगुलराइज नहीं हैं। वहीं, नगर निकायों की कई जायदादों पर बरसों से लोगों का कब्जा है। इनमें से जो कुछ भी नियमों के अनुसार रैगुलराइज किया जा सकता है, वाजिब फीस लेकर किया जाएगा। स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू के अनुसार इससे भी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें मालिकाना हक मिल जाएगा और नगर निकायों को उस प्रॉपर्टी से आय भी होगी जिससे अभी तक एक पैसा नहीं मिल रहा और उल्टे लोगों के कब्जे में हैं।

 

प्राथमिकताओं में शहरों की सफाई व्यवस्था अहम; सीवरेज व सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट
सरकार की प्राथमिकताओं में इस वक्त शहरों की सफाई व्यवस्था अहम है। शहरों में ठप सीवरेज को ध्यान में रखते हुए, मंत्री सिद्धू सुपर सक्शन मशीनों की उपलब्धता पर अधिक जोर दे रहे हैं, ताकि बरसातों सहित आम दिनों में भी लोगों को समस्या का सामना न करना पड़े। सीवरेज चोकिंग के कारण जहां गंदगी बढ़ती है, वहीं बीमारियों में भी इजाफा होता है। आने वाले बरसाती मौसम के मद्देनजर इस वक्त राज्य सरकार का ध्यान मुख्य रूप से इस ओर केंद्रित है। कलस्टर के अनुसार सभी स्थानीय निकायों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट की समीक्षा के लिए सिद्धू अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी कर चुके हैं। इस संबंध में पांच बड़े शहरों लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, पटियाला और भटिंडा में पहल के आधार पर सुपर सक्शन मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया जाएगा।

 

पब्लिक, टैक्निकल व फाइनैंशियल ऑडिट
नगर निकायों से संबंधित हर काम का पब्लिक, टैक्निकल व फाइनैंशियल ऑडिट करवाना भी एजैंडे में है। दस साल के दौरान किसी भी नगर निकाय के काम का ऑडिट न होने से बड़े स्तर पर घपलेबाजी की संभावना है। इसलिए विभिन्न कंपनियों से ऑडिट करवाकर दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा। जहां भी गड़बड़ी मिली, उसकी जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

करोड़ों की प्रॉपर्टी को कब्जे से छुड़वाना
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अनुसार मौजूदा समय के दौरान प्रदेश में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टीज पर नाजायज कब्जे हैं। अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि ऐसी जायदादों की सूची तैयार करके कब्जे छुड़वाने की दिशा में कार्रवाई शुरू की जाए। इस तरह निकायों को हासिल हुई जमीन पर अलग-अलग प्रोजैक्ट शुरू करके आय में इजाफा किया जा सकेगा।

 

एडवरटाइजिंग पॉलिसी पर जोर
नगर निकायों की आय का एक बड़ा स्रोत एडवरटाइजमैंट है। इस बारे में नई पॉलिसी तैयार की जा रही है जिसके तहत शहरों में अलग-अलग साइट्स के रेट तय करके विभिन्न कंपनियों को विज्ञापन लगाने के लिए अलॉट की जाएंगी। विभाग का इसके जरिए कम से कम 200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष कमाई करने का टारगेट है। सिद्धू का कहना है कि इस वक्त इससे आय बहुत ही कम है जिसे बहुत जल्द बढ़ाया जाएगा।

 

ऑडिट सहित ई-गवर्नैंस पर भी जोर
पदभार संभालने के बाद से सिद्धू ने सबसे अधिक जोर ई-गवर्नैंस पर दिया है। कंपनियोंं की राय के अनुसार उन्हें काम सौंपने से संबंधित शर्तें तय की जा रही हैं ताकि प्रोजेक्ट जल्द सिरे चढ़ जाएं। इससे लोगों को घर बैठे इंटरनैट पर नगर निकायों से संबंधित प्रशासनिक सेवाएं मिलेंगी। ऐसी 24 कंपनियों के साथ सिद्धू सहित अधिकारियों की बैठकें हो चुकी हैं। ई-गवर्नैंस लागू होने से नक्शे पास करवाने, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, इमारतों के लिए मंजूरी लेने आदि जैसे कामों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

 

ठेकेदार स्वयं करेंगे काम का नोटिफिकेशन
कांग्रेस सरकार बनने के बाद स्थानीय निकाय विभाग एक और पहल करने जा रहा है। विकास कार्य शुरू करने को लेकर स्वयं ठेकेदार नोटिफिकेशन करेंगे। साइट पर एक बोर्ड लगेगा, जिसमें काम से संबंधित, स्पेसिफिकेशंस और ठेकेदार का नाम होगा। कार्य शुरू और पूरा होने का समय व कुल राशि भी लिखी जाएगी। संबंधित अधिकारियों के नाम व फोन नंबर पद सहित होंगे। स्वयं लोग इसका ऑडिट करेंगे।

 

शॉर्ट टर्म प्रोजैक्ट पर ध्यान केंद्रित
सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट से संबंधित बिजली, कंपोस्ट खाद, सीमैंट प्लांट्स में प्रयोग होने वाली सामग्री, बायो गैस आदि के शॉर्ट टर्म प्रोजैक्ट्स पर सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। इस संबंधी कुछ प्रोजैक्टों का दौरा करने के बाद सिद्धू ने कहा कि प्रोजेक्ट 6 महीने से दो साल के दौरान शुरू हो सकते हैं।

 

धर्मनगरी अमृतसर पर विशेष ध्यान
यूं तो विभाग की नजर प्रदेश के सभी बड़े और छोटे शहरों पर है, लेकिन अमृतसर पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। यहां एक लाख से अधिक श्रद्धालु रोजना आते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए जहां बेहतर ट्रैफिक के लिए सरकार रोप वे प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट को भी जल्द से जल्द शुरू करने में दिलचस्पी ले रही है।

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