Edited By Updated: 07 Apr, 2017 09:08 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा राज्य में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 10 अप्रैल से 3 दिनों के लिए मुम्बई जाने का कार्यक्रम बनाया गया है, जिस दौरान वे रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमुख मुकेश अम्बानी सहित अन्य दिग्गज उद्यमियों से...
जालंधर (धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह द्वारा राज्य में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 10 अप्रैल से 3 दिनों के लिए मुम्बई जाने का कार्यक्रम बनाया गया है, जिस दौरान वे रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमुख मुकेश अम्बानी सहित अन्य दिग्गज उद्यमियों से मुलाकात कर सकते हैं। आई.सी.आई.सी.आई. की चेयरपर्सन चंद्रा कोचर से भी उन्होंने मुलाकात करनी है, जिस दौरान पंजाब के मौजूदा आॢथक हालात पर तो चर्चा होगी ही, साथ ही कैप्टन के राडार पर इस समय राज्य को औद्योगिक रूप से मजबूती देने के लिए बड़ी राष्ट्रीय कम्पनियों को पंजाब में पूंजी निवेश के लिए आमंत्रित करना है। मुख्यमंत्री के साथ 2-3 कैबिनेट मंत्री भी मुम्बई जाएंगे, जिनमें उर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह भी शामिल हैं। उनके अतिरिक्त साथ ही कई आलाधिकारी भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेंगे।
सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री के प्रस्तावित मुम्बई दौरे को अंतिम रूप दे दिया गया है। इससे पहले भी कैप्टन दिल्ली में मित्सुबिशी के प्रबंध निदेशक तथा अडानी ग्रुप के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। बताया जाता है कि राज्य में खराब चल रही आॢथक स्थिति को देखते हुए सरकार की कोशिश है कि अभी से बड़ी नामी राष्ट्रीय कम्पनियों को पंजाब में पैसा लगाने के लिए आमंत्रित किया जाए। राज्य सरकार के पास सीमित आॢथक संसाधन हैं, इसलिए सरकार की कोशिश है कि अगले 1 वर्ष के दौरान बड़ी कम्पनियां पूंजी निवेश करने के लिए आगे आएं। मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह स्वयं बड़ी कम्पनियों को राज्य सरकार की ओर से भरोसा देना चाहते हैं कि उनके लिए अनुकूल माहौल पैदा किया जाएगा।
राज्य सरकार स्वयं फैसीलिटेटर की भूमिका अदा करना चाहती है। केन्द्र से मदद लेने के लिए पहले ही कैप्टन प्रधानमंत्री व केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मिल चुके हैं। पहले ही मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्णय लिया जा चुका है कि पूर्व सरकार द्वारा जिन औद्योगिक प्रोजैक्टों को अपने कार्यकाल के दौरान मंजूरी दी गई थी, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। पुराने प्रोजैक्टों को भी आगे जारी रखा जाएगा। चाहे 10 वर्ष पहले पूर्व अकाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद कैप्टन सरकार के मैगा प्रोजैक्टों पर रोक लगा दी थी परन्तु कैप्टन सरकार इस बार बदले की भावना से काम नहीं करेगी। राज्य को औद्योगिक रूप से आगे ले जाना ही मुख्यमंत्री के एजैंडे में शामिल है।