Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 09:44 AM
संगरुरः अगले साल लोकसभा चुनाव के लिहाज से सियासत शुरू हो जाएगी। पंजाब केसरी के संवाददाता नरेश कुमार राज्य की सारी 13 लोकसभा सीटों की 2014 की स्थिति का इसी साल हुए विधानसभा चुनाव और नगर परिषदों के चुनाव के नजरिए से विश्लेषण करके बताएंगे कि आने वाले लोकसभा चुनाव में किस सीट पर क्या स्थिति उभरेगी और मौजूदा सांसद का संसद में प्रदर्शन कैसा है। आज सबसे पहले बात करते हैं संगरूर लोकसभा सीट की।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन करते हुए 4 सीटें जीत ली थीं। पार्टी की सबसे बड़ी जीत संगरूर लोकसभा सीट पर हुई थी जहां भगवंत मान ने अकाली दल उम्मीदवार सुखदेव सिंह ढींडसा को 2,11,721 मतों के अंतर से हराया था। यह राज्य में लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत थी। पिछले साढ़े 3 साल में सतलुज में काफी पानी बह चुका है और संगरूर के सियासी हालात भी पलट चुके हैं। ऐसे में भगवंत मान के लिए संगरूर की लड़ाई इतनी आसान नहीं रह गई है। हम आपको तथ्यों के आधार पर बताते हैं कि संगरूर में भगवंत मान का सियासी गणित किस तरह से बिगड़ रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव दौरान भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा तहत आती विधानसभा की 9 में से 8 सीटों पर कब्जा किया था लेकिन 2017 का चुनाव आते-आते भगवंत मान की यह बढ़त 5 सीटों पर सीमित रह गई।
भगवंत मान ने 2014 के चुनाव में इस सीट पर 5,33,237 मत हासिल किए थे लेकिन इस साल हुए विधानसभा चुनाव के दौरान संगरूर लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी को 4,07,259 मत हासिल हुए हैं, यानी पार्टी ने पिछले 3 सालों में ही इस लोकसभा सीट के तहत आती 9 विधानसभा सीटों पर 1,25,978 मत खो दिए। दूसरी तरफ कांग्रेस को 2014 में इस सीट पर महज 1,81,410 मत हासिल हुए थे लेकिन 2017 में पार्टी को 3,87,158 मत हासिल हुए। यानी कि कांग्रेस को इस सीट पर 2,05,748 मतों का फायदा हुआ। अकाली दल भी विधानसभा चुनाव के दौरान हालांकि सीटों के लिहाज से ज्यादा सफल नहीं रहा और उसे लहरा सीट पर ही जीत हासिल हुई लेकिन संगरूर लोकसभा के तहत आती विधानसभा सीटों पर अकाली दल को 2014 के मुकाबले 38,629 मतों का फायदा हुआ है। अकाली दल को 2014 में इस सीट पर 3,21,516 वोट हासिल हुए थे जो इस साल बढ़ कर 3,60,145 वोट हो गए।
नगर परिषद चुनाव में भी जीती कांग्रेस
इसी महीने हुए नगर निगम व नगर कौंसिल के चुनावों दौरान कांग्रेस ने संगरूर की अधिकतर नगर परिषदों पर कब्जा कर लिया। इन सीटों पर अकाली दल दूसरे नंबर पर रहा और आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर लुढ़क गई।
भगवंत मान के जलालाबाद चुनाव लडऩे से नुक्सान
संगरूर की जनता ने भगवंत मान को भारी मतों से जिता कर संसद भेजा था लेकिन जब विधानसभा के चुनाव आए तो वह अपनी सीट को छोड़कर उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को टक्कर देने जलालाबाद जा पहुंचे। भगवंत मान के अपना हलका छोडऩे का संगरूर के लोगों में नकारात्मक संदेश गया और अपने ही घर संगरूर में भगवंत मान ने अपनी पकड़ खो दी। विधानसभा चुनाव के दौरान खोई हुई पकड़ को भगवंत मान फिर से हासिल नहीं कर सके हैं। वह न जलालाबाद का चुनाव जीत सके और न ही अपने हलके के लोगों में उनका विश्वास दोबारा बहाल हो सका है।
संसद में भगवंत मान
हाजिरी 54'
बहस में हिस्सा लिया 91'
सवाल पूछे 44'
भगवंत मान को मिले फंड का ब्यौरा
कुल जारी फंड 15 करोड़
ब्याज सहित कुल फंड 15.86 करोड़
खर्च हुआ फंड 11.08 करोड़
बचा हुआ फंड 4.58 करोड़
कुल फंड इस्तेमाल 73.88 फीसदी
संसद में ऐसे गिरी भगवंत मान की हाजिरी
पहला सत्र 83'
दूसरा सत्र 67'
तीसरा सत्र 95'
चौथा सत्र 77'
पांचवां सत्र 65'
छठा सत्र 60'
सातवां सत्र 38'
आठवां सत्र 62'
नौवां सत्र 20'
दसवां सत्र 0'
ग्यारहवां सत्र 21'
बारहवां सत्र 74'
संगरूर सीट ‘आप’ के वोट कांग्रेस के वोट अकाली दल के वोट
विधानसभा सीट 2014 2017 2014 2017 2014 2017
लहरा 35,230 25,089 25594 38735 46606 65550
दिड़बा 59670 46434 17433 44789 43958 44777
सुनाम 63979 72815 23408 30518 50745 42508
भदौड़ 60534 57095 13920 26615 31800 36311
बरनाला 67234 47606 18195 45174 28809 31111
माहल कलां 67855 57551 11081 25688 29724 30487
मालेरकोटला 57981 17635 19435 58982 27892 46280
धूरी 63189 46536 17398 49347 29352 28611
संगरूर 57511 36498 34937 67310 32585 34510
नोट : लोकसभा चुनाव के दौरान अकाली दल को बैलेट से 45, कांग्रेस को 9 और आम आदमी पार्टी को 46 मत हासिल हुए थे।