Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 10:32 AM
इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में धांधलियों को अंजाम देने वाले अफसर लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिद्धू के राडार पर आ गए हैं। जिसके तहत 2 साल दौरान हुई प्लाटों की अलाटमैंट की जांच करवाने का फैसला किया गया है। जिसका जिम्मा चीफ विजीलैंस अफसर को सौंपा गया है। जिनकी...
लुधियाना(हितेश): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में धांधलियों को अंजाम देने वाले अफसर लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिद्धू के राडार पर आ गए हैं। जिसके तहत 2 साल दौरान हुई प्लाटों की अलाटमैंट की जांच करवाने का फैसला किया गया है। जिसका जिम्मा चीफ विजीलैंस अफसर को सौंपा गया है। जिनकी टीम ने शुक्रवार को इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में दबिश देकर रिकार्ड कब्जे में लेने के अलावा संबंधित कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए। सिद्धू द्वारा चार्ज संभालने के बाद से ही लोकल बाडीज विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर होने का राग अलापा जा रहा है। जिसमें इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट मुख्य रूप से उनके निशाने पर है।
इसके तहत उन्होंने कई सालों से एक ही सीट पर काबिज इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के करीब एक दर्जन कर्मचारियों को काफी दूर पड़ते स्टेशनों पर बदल दिया है। लेकिन इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में सक्रिय प्रापर्टी डीलरों ने नए आए कर्मचारियों से भी सांठगांठ कर ली। जिस कारण सरकार बदलने के बावजूद इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में धांधलियां रूकने का नाम नही ले रही। जिस बारे लगातार मिल रही शिकायतों का नोटिस लेते हुए सिद्धू ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। जानकारी अनुसार सिद्धू ने सी.वी.ओ. को इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के रिकार्ड की चैकिंग करने के आदेश दिए हैं। जिसमें सामने आने वाली गड़बड़ के लिए जिम्मेदारी कर्मचारियों को बख्शा नही जाएगा। इसकी शुरूआत पिछले 2 साल दौरान हुई प्लाटों की अलाटमैंट के केसों की जांच से हुई है। इसके तहत विजीलैंस टीम के अफसर वीरवार सुबह से ही ई.ओ.के. आफिस में डेरा लगाकर बैठ गए। जिनके द्वारा करीब 40 फाइलें कब्जे में लेने की सूचना है। उस बारे में संबंधित कर्मचारियों के बयान तो रिकार्ड किए ही गए, एक प्रोफार्मा में डिटेल भरकर देने के लिए कहा गया है।
भ्रष्टाचार बारे मिली शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई
प्लाटों की अलाटमैंट संबंधी जांच शुरू करने की कारवाई बकायदा केस नंबरों की डिटेल के साथ की गई एक शिकायत के आधार पर हुई है। जिसमें सरकार को अवगत करवाया गया कि पिछले कुछ समय दौरान अफसरों द्वारा पिक एंड चुज के आधार केस क्लीयर किए जा रहें हैं। जिसके तहत काफी केस तो सरकार या कोर्ट के क्लीयर आर्डर होने के बावजूद सालों से पैंङ्क्षडग पड़े हैं। जबकि मोटे लेन-देन के चलते कई केस पुरी तरह योग्य न होने के बावजूद प्लाटों के ड्रा निकाल दिए गए।