Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 11:14 AM
प्रदेश की जेलों में गैंगस्टरों की गतिविधियों को रोकने के लिए पंजाब सरकार के आदेशों पर जहां दिन-रात के समय होने वाली वीडियोग्राफी की मदद से जेलों में स्थापित बैरकों में बंद गैंगस्टरों की गतिविधियों पर नजर रखने के आदेश जारी किए गए हैं, वहीं सभी जेलों...
कपूरथला (भूषण): प्रदेश की जेलों में गैंगस्टरों की गतिविधियों को रोकने के लिए पंजाब सरकार के आदेशों पर जहां दिन-रात के समय होने वाली वीडियोग्राफी की मदद से जेलों में स्थापित बैरकों में बंद गैंगस्टरों की गतिविधियों पर नजर रखने के आदेश जारी किए गए हैं, वहीं सभी जेलों में मोबाइल फोन के प्रयोग को रोकने के लिए जल्द से जल्द जैमर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही जिन जेलों में जैमर खराब पड़े हैं, उन्हें ठीक करवाने कर आदेश भी जारी किए गए हैं। प्रदेश के ए.डी.जी.पी. (जेल) इकबालप्रीत सिंह सहोता द्वारा जारी किए गए आदेशों पर काम करते हुए केंद्रीय जेल कपूरथला व जालंधर के प्रशासन ने जेल काम्पलैक्स के चारों तरफ लगे मोबाइल जैमरों को एक निजी कंपनी की मदद से ठीक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बताते चलें कि केंद्रीय जेल कपूरथला व जालंधर में कुछ महीने पहले 15 मोबाइल जैमर लगाए गए थे जिसके कारण जेल में चलने वाले मोबाइल फोन काफी हद तक ठप्प हो गए थे लेकिन काफी दिनों से जैमर सिस्टम में आई खराबी के कारण जेल प्रशासन को एक बार फिर से मोबाइल फोन प्रयोग करने को लेकर शिकायतें आने लगी थीं।
सुबह व रात के समय सभी बैरकों में की जाएगी चैकिंग
ए.डी.जी.पी. (जेल) द्वारा जारी किए गए नए आदेशों के अनुसार अब जेलों में बंद कैदियों व हवालातियों तक ड्रग व मोबाइल फोन पहुंचाने से रोकने के लिए सुबह व रात को उस समय जेलों की सभी बैरकों में तलाशी करने के आदेश जारी किए गए हैं जब इन बैरकों में सभी कैदी व हवालाती बंद होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को वीडियोग्राफी के तहत करने के आदेश दिए गए हैं ताकि चैकिंग सिस्टम में कोई कमी न आए। इसी सिस्टम पर काम करते हुए केंद्रीय जेल जालंधर व कपूरथला के अधिकारियों ने 2-3 दिन के दौरान ही चैकिंग में 10 के करीब मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
एच.आई.वी. पीड़ित कैदियों के लिए अलग से वार्ड बनाने के आदेश
जेलों में एच.आई.वी. पीड़ित कैदियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए अब पीड़ित कैदियों के लिए अलग से वार्ड बनाने के आदेश दिए गए हैं ताकि इन वार्डों में रख कर एच.आई.वी. बीमारी का सामना कर रहे कैदियों को राहत मिल सके। जिसके लिए अपने-अपने जिलों के सिविल सर्जन से संपर्क कर इस संबंधी सरकारी डाक्टरों को बुलाने के आदेश दिए गए हैं।
क्या कहते हैं सुपरिटैंडैंट जेल
इस संबंध में जब केंद्रीय जेल कपूरथला व जालंधर के सुपरिंटैंडैंट एस.पी. खन्ना से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि ए.डी.जी.पी. (जेल) के आदेशों पर जेल प्रशासन ने अपनी मुहिम तेज कर दी है तथा इन दिशा-निर्देशों को जल्द से जल्द लागू करने के प्रयास जारी हैं। वहीं आने वाले दिनों में भी गैंगस्टरों पर कड़ी नजर रखने का सिलसिला जारी रहेगा।