Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 03:05 PM
ग्रीन ट्रिब्यूनल, सरकार तथा अदालतों तथा वातावरण प्रेमियों की सभी हिदायतें, आदेश तथा अपीलों को दर किनार करते धूं-धूं करके सरेआम जलाई जा रही पराली के धुएं ने वातावरण को इस हद तक दूषित कर दिया है....
बाघापुराना (चुटानी/मनीष) : ग्रीन ट्रिब्यूनल, सरकार तथा अदालतों तथा वातावरण प्रेमियों की सभी हिदायतें, आदेश तथा अपीलों को दर किनार करते धूं-धूं करके सरेआम जलाई जा रही पराली के धुएं ने वातावरण को इस हद तक दूषित कर दिया है कि लोगों को न सिर्फ सांस लेना कठिन हुआ है, बल्कि अन्यों के लिए घातक बीमारियों ने भी मनुष्यों व जीव जंतुओं को भी अपनी चपेट में ले लिया है। आर्थिक मजबूरियों के चलते किसानों द्वारा महंगे साधनों की कथित कमी होने कारण पराली का कोई हल न होना भी किसानों का इस रास्ते पर चलना बड़ा मजबूरी है।
अकेले बाघापुराना क्षेत्र में ही पिछले कुछ दिनों में 15 के करीब सड़क हादसों दौरान 50 के करीब लोग घायल हो चुके हैं, जबकि लाखों रुपए का आर्थिक नुक्सान भी हुआ है। सेहत विभाग के डाक्टरों ने बताया कि पराली का धुआं मानवीय सेहत के लिए बेहद घातक है, जो सांस, दमा के मरीजों के लिए आफत कहा जा सकता है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि वह किसानों की इस मजबूरी का कोई न कोई पुख्ता हल निकालें,लोग स्वच्छ वातावरण में जीवन व्यतीत कर सकें।