Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 07:38 AM
महिलाओं की सुरक्षा के दावे करने वाली जिला पुलिस ने जिस तरह निर्भया कांड के दौरान बेटियों की सुरक्षा में फोर्स लगाई थी, वैसी सख्ती इन दिनों कुछ ही कॉलेजों व स्कूलों के बाहर देखने को मिलती है। शहीदों के शहर में 100 से ज्यादा स्कूल व 5 से ज्यादा...
फिरोजपुर (जैन): महिलाओं की सुरक्षा के दावे करने वाली जिला पुलिस ने जिस तरह निर्भया कांड के दौरान बेटियों की सुरक्षा में फोर्स लगाई थी, वैसी सख्ती इन दिनों कुछ ही कॉलेजों व स्कूलों के बाहर देखने को मिलती है। शहीदों के शहर में 100 से ज्यादा स्कूल व 5 से ज्यादा कॉलेजों में बेटियों की सुरक्षा का जिम्मा 38 पुलिसकर्मियों के कंधों पर है। गवर्नमैंट स्कूल, रेलवे रोड, बांसी गेट पर स्थित स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी के समय मनचले काफी तादाद में प्रैशर हॉर्न इस्तेमाल करते हुए फब्तियां कसते निकलते हैं।
वर्ष 2013-14 के दौरान हरेक स्कूल-कॉलेज के दौरान बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने हेतु शिकायत बॉक्स भी लगाए गए थे, जिनकी चाबी स्कूल-कॉलेजों के प्रिंसीपल के पास थी। छात्राओं में अवेयरनैस की कमी के चलते कुछेक शिकायतें ही बॉक्स के माध्यम से प्रिंसीपल के पास पहुंची हैं। सूत्र बताते हैं कि पिछले 4 साल में पुलिस के पास सैंकड़ों की तादाद में छेड़छाड़ की शिकायतें पहुंच चुकी हैं और कुछ वारदातों में बेटियां स्वयं की इज्जत को देखते हुए पुलिस के पास जाना भी उचित नहीं समझतीं।
रेप की घटनाओं में बढ़ौतरी हुई
वर्ष 2017 के दौरान दुष्कर्म की घटनाओं में काफी बढ़ौतरी हुई है और पुलिस ने 8 दर्जन से ज्यादा दुष्कर्म के मामले जिले भर में दर्ज किए हैं और कुछ केसों में अभी तक अभिभावकों को अपनी बेटियों के लापता होने का सुराग नहीं मिल पाया है।
एक बार मिर्ची पाऊडर देकर बटोरी थीं सुर्खियां
वर्ष 2015 के दौरान जिला प्रशासन द्वारा सरकारी कॉलेज की छात्राओं को सैल्फ डिफैंस हेतु मिर्ची पाऊडर की डिब्बियां देकर बेटियों की रक्षा का कदम उठाने का दावा करते हुए खूब सुॢखया बटोरी थीं, लेकिन आए दिन बेटियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।