Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 12:55 PM
सब-डिवीजनल अमलोह के तहसीलदार कुलदीप सिंह, थाना प्रभारी मंडी गोङ्क्षबदगढ़ सुखबीर सिंह, अमलोह के थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह, सहायक थानेदार केवल सिंह, सहायक थानेदार कुलदीप सिंह, सहायक थानेदार गुरबचन सिंह की अगुवाई में पुलिस मुलाजिम एम्बुलैंस व दमकल...
मंडी गोबिंदगढ़ (मग्गो): सब-डिवीजनल अमलोह के तहसीलदार कुलदीप सिंह, थाना प्रभारी मंडी गोङ्क्षबदगढ़ सुखबीर सिंह, अमलोह के थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह, सहायक थानेदार केवल सिंह, सहायक थानेदार कुलदीप सिंह, सहायक थानेदार गुरबचन सिंह की अगुवाई में पुलिस मुलाजिम एम्बुलैंस व दमकल विभाग की गाड़ी के साथ शास्त्री नगर स्थित उद्योगपति जगदीश चंद्र बांसल के निवास का कब्जा माननीय हाईकोर्ट के आदेशों पर लेने पहुंचे।
अधिकारियों को करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद खाली हाथ लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। कैपिटन फस्र्ट लि. फिरोज गांधी मार्कीट लुधियाना द्वारा पंजाब सरकार समेत करीब 13 आरोपियों के विरुद्ध माननीय हाईकोर्ट में एक सिविल रिट पटीशन दायर करके बांसल इंडस्ट्रीज के जगदीश चंद्र बांसल से करीब 4 करोड़ 89 लाख 7400 रुपए की वसूली के बदले उनकी शास्त्री नगर स्थित कोठी का कब्जा दिलाने में नाकाम रहने पर एडीशनल डिप्टी कमिश्नर-कम-डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट फतेहगढ़ साहिब एवं जिला पुलिस प्रमुख समेत अन्य अधिकारियों को 18 जनवरी के लिए नोटिस जारी किया था।
इस पर कार्रवाई करते हुए आज हाईकोर्ट में पेशी के एक दिन पहले तहसीलदार कुलदीप सिंह की अगुवाई में जगदीश चंद्र बांसल के निवास पर उक्त अधिकारी पूरी तैयारी के साथ पहुंचे। उन्होंने सारे इलाके को घेर लिया व देखते ही देखते सुबह करीब 10 बजे सारा इलाका पुलिस छावनी में बदल गया। इस संबंधी तहसीलदार कुलदीप सिंह व इलाका पटवारी प्रमोद कुमार ंने बताया कि मौके पर जगदीश चंद्र बांसल ने विवादित जायदाद की कैपिटन फस्र्ट लि. से छुड़ाई गई जायदाद की रजिस्ट्री प्रस्तुत कर दी। इस पर कैपिटन फस्र्ट लि. ने इस रजिस्ट्री वाली जायदाद की जांच अपने मुख्य कार्यालय मुम्बई से करवाने के लिए समय ले लिया है।
इस संबंधी उद्योगपति जगदीश चंद्र बांसल ने कहा कि उनके द्वारा अपनी जायदाद को करीब डेढ़ वर्ष पहले ही छुड़ा लिया गया था, जिसकी असल रजिस्ट्री भी उनके पास है। यह सारी साजिश उन्हें शहर में बदनाम करने व उनका व्यापार तबाह करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले संबंधी कैपिटन फर्स्ट लि. के अभिषेक केशव से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई। उल्लेखनीय है कि अधिकारियों की मौजूदगी में कैपिटन फस्र्ट लि. द्वारा जिन कमरों पर ताले लगाए गए थे बाद में उन्हें खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा।