Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 11:57 AM
गांव तलवंडी झुगला में निर्मित धर्मशाला को मंदिर में तबदील करने के मामले को लेकर गांव में तनाव वाली स्थिति बन गई जिसके चलते गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात करने के अतिरिक्त जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी मामला सुलझाने में मशक्कत करनी पड़ी।
काहनूवान/गुरदासपुर (विनोद): गांव तलवंडी झुगला में निर्मित धर्मशाला को मंदिर में तबदील करने के मामले को लेकर गांव में तनाव वाली स्थिति बन गई जिसके चलते गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात करने के अतिरिक्त जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी मामला सुलझाने में मशक्कत करनी पड़ी।
जानकारी के अनुसार गांव के चढ़ती तरफ स्कूल के पास पंचायत ने 25 वर्ष पूर्व एक धर्मशाला-कम-जंजघर की स्थापना की थी। कुछ वर्ष पूर्व गांव के वाल्मीकि भाईचारे द्वारा इस इमारत में अपने धार्मिक पर्व मनाए गए और अब इस जगह पर अपने ग्रंथ के अतिरिक्त झंडा लगा दिया गया। विभिन्न भाईचारे के लोगों ने अपने दावों में स्वयं के प्रयास को सही ठहराया जबकि गांव की पंचायत व अन्य गण्यमान्य मामले को लेकर कोई संजीदा जवाब नहीं दे रहे।
इस मंदिर का विरोध करने वाले जनक राज, सोमराज, राम लुभाया, चरणजीत सिंह आदि ने बताया कि यह इमारत गांव की सांझी धर्मशाला के तौर पर पंचायत ने स्थापित की थी। उन्होंने बताया कि यहां पूरे गांव के संयुक्त कार्य होते थे लेकिन कुछ समय पूर्व वाल्मीकि समुदाय ने इस इमारत में अपने धार्मिक कार्यक्रम करवाना शुरू कर दिया और अब इनके द्वारा इस जगह पर अपने ग्रंथ रख कर झंडा भी स्थापित कर दिया गया।
दूसरी तरफ वाल्मीकि भाईचारे की तरफ से हरपाल सिंह, राकेश कुमार, बलदेव सिंह आदि ने बताया कि यह स्थान उनके मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त गांव की पिछली पंचायत व वर्तमान पंचायत भी मंदिर स्थापना का कोई विरोध नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि गांव निवासियों को कुछ बाहरी व्यक्ति व नेता इस मामले को भड़का रहे हैं। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस स्टेशन सेखवां की पुलिस व अन्य समीप पुलिस स्टेशनों की पुलिस डी.एस.पी. सुच्चा सिंह के नेतृत्व में गम्भीरता से स्थिति पर नजर रखे हुए है।