जिले की सड़कें 8 साल में निगल गईं 2732 जिंदगियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 01:21 PM

road accident in hoshiarpur

विकास की दौड़ में जिले की मुख्य सड़कें व राजमार्ग भले ही दुरुस्त होते चले जा रहे हैं। दूसरी तरफ सड़कों पर स्पीड लिमिट का पालन नहीं करने, लापरवाही से वाहन चलाने, खस्ताहाल व ओवरलोडिड वाहनों द्वारा सड़कों पर ट्रैफिक नियमों की जमकर अवहेलना करने की वजह...

होशियारपुर(अमरेन्द्र): विकास की दौड़ में जिले की मुख्य सड़कें व राजमार्ग भले ही दुरुस्त होते चले जा रहे हैं। दूसरी तरफ सड़कों पर स्पीड लिमिट का पालन नहीं करने, लापरवाही से वाहन चलाने, खस्ताहाल व ओवरलोडिड वाहनों द्वारा सड़कों पर ट्रैफिक नियमों की जमकर अवहेलना करने की वजह से होशियारपुर जिले में सड़क हादसों व हादसों के दौरान मरने वाले लोगों के आंकड़े काफी भयावह दिख रहे हैं।

वर्ल्ड डे आफ रिमैंबरैंस फॉर रोड एक्सीडैंट विक्टिम्स दिवस पर जब इन आंकड़ों की जांच की गई तो पता चला कि जिले की सड़कों पर पिछले 8 सालों में 2181 सड़क हादसों में 2732 लोगों की कीमती जानें गई हैं। हैरानीवाली बात है कि जिले में सड़क हादसों में भयावह स्थिति के बावजूद ट्रैफिक पुलिस के पास न तो स्पीड लिमिट मापने के लिए स्पीड राडार है और न ही पर्याप्त संख्या में अल्कोमीटर। इसके बावजूद सरकारी तंत्र इस मामले में कोई खास गंभीर नहीं दिखता है।

ओवरटेक व हाई स्पीड मुख्य वजह
अगले 2 महीनों दिसम्बर व जनवरी में जिले में जमकर कोहरा पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार करीब 40 से 50 फीसदी सड़क हादसे कोहरे के सीजन में ही होते हैं। पुलिस मुख्यालय से राज्य के सभी पुलिस प्रमुखों को हिदायतें जारी कर दी जाती हैं कि कोहरे के दौरान एक्सीडैंट जोन की पहचान कर कड़ी चौकसी बरती जाए। फिर भी सड़कों पर स्पीड लिमिट का पालन नहीं होने व ओवरटेक करते समय कोई सावधानी नहीं बरतने की वजह से हादसों का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। साल में एक बार ट्रैफिक सप्ताह मनाकर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को सड़क हादसे में टूटती जिंदगी की डोर को लेकर कोई परवाह नहीं है। 

जिले में वाहनों की स्थिति पर एक नजर
होशियारपुर शहर की आबादी करीब 2 लाख सहित जिले की कुल आबादी 15 लाख के करीब है। जिले की15 लाख की आबादी में करीब 5 लाख लोगों के घरों में दोपहिया, चौपहिया वाहन हैं यानी जिले के हर तीसरे व्यक्ति के पास कोई न कोई वाहन है। एन.आर.आई. बहुल जिला होने की वजह से हर साल वाहनों की संख्या 20 से 30 फीसदी की दर से बढ़ती चली जा रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो 5 साल पहले तक जिले में दोपहिया व चौपहिया वाहनों की संख्या 2 लाख से भी कम थी लेकिन गत 5 सालों में यह आंकड़ा अब 5 लाख के करीब होने को है।

गत 8 सालों में सड़क हादसों की स्थिति
होशियारपुर जिले के सड़कों पर साल 2010 में 226 सड़क हादसों में 332, 2011 में 165 सड़क हादसों में 351, 2012 में 163 सड़क हादसों में 316, 2013 में 309 सड़क हादसों में 374, 2014 में 375 सड़क हादसों में 385, 2015 में 312 सड़क हादसों में 336, 2016 में 335 सड़क हादसों में 356 और वर्तमान साल 2017 के 18 नवम्बर तक 293 सड़क हादसों में 282 लोगों की मौत हो चुकी है।

क्या कहते हैं ट्रैफिक इंचार्ज 
संपर्क करने पर ट्रैफिक इंचार्ज तलविन्द्र सिंह ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक में तैनात कर्मचारी पुलिस के साथ मुश्तैदी से काम कर रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए एन.जी.ओ. की सहायता से लगातार सैमीनार कर रहे हैं वहीं चौक चौराहों पर वाहनों में रिफ्लैक्टर लगाए जा रहे हैं। वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर किया जा रहा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!