Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 09:08 AM
पिम्स इम्प्लाइज यूनियन और प्रबंधन के बीच चल रहे विवाद का पी.एम.ओ. (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस संबंध में आर्गेनाइजेशन फार प्रोटैक्शन ऑफ ह्यूमन राइट्स (रजि.) के प्रदेश प्रधान संदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री...
जालंधर(अमित): पिम्स इम्प्लाइज यूनियन और प्रबंधन के बीच चल रहे विवाद का पी.एम.ओ. (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस संबंध में आर्गेनाइजेशन फार प्रोटैक्शन ऑफ ह्यूमन राइट्स (रजि.) के प्रदेश प्रधान संदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पुलिस कमिश्नर के खिलाफ शिकायत भेजी थी जिसके ऊपर तुरंत कारवाई करके पी.एम.ओ. को सूचित करने के लिए प्रदेश के चीफ सैक्रेटरी को एक आदेश पत्र जारी किया गया है। इसके साथ ही पी.एम.ओ. ने इस बात को लेकर भी निर्देश जारी किए हैं कि सारी कार्रवाई की जानकारी शिकायतकर्ता को भी प्रदान की जाए।
संदीप ने कहा कि उन्होंने पी.एम.ओ. के पास भेजी शिकायत में लिखा था कि पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा ने भारत के संविधान अनुच्छेद 15: धर्म, जाति, मूलवंश, ङ्क्षलग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध किया है और साथ ही पंजाब पुलिस एक्ट के चैप्टर-6 रोल, फंक्शंस, ड्यूटीज एंड रिस्पांसिबिलिटीज ऑफ द पुलिस का घोर उल्लंघन करते हुए जानबूझ कर दोषी सवर्ण जाति के लोगों पर जातिसूचक शब्द बोलने संबंधी दी गई शिकायत पर एफ.आई. आर. दर्ज नहीं कर रहे हैं। पुलिस द्वारा मामले का स्थायी समाधान करवाने के लिए कोई प्रयास किया ही नहीं गया क्योंकि शिकायतकर्ता दलित वर्ग के साथ संबंध रखते हैं जिस वजह से उनकी शिकायत को दरकिनार किया गया।
क्या है मामला
संदीप ने कहा कि पिम्स में काम करने वाले कर्मचारियों का अपनी मांगों के समर्थन में पिम्स प्रबंधन के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा है जिसके बीच 12 कर्मचारियों को शो-काज नोटिस जारी किया गया मगर केवल दलित समाज के साथ संबंध रखने वाले 2 कर्मचारियों नरिंद्र कुमार और धरमिंद्र कुमार के साथ भेदभाव वाली नीति अपनाते हुए उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। इतना ही नहीं, उनके द्वारा पुलिस के पास डिवीजन नं. 7 में काफी पहले दर्ज करवाई गई शिकायत,मगर आज तक कोई कार्रवाई न किए जाने से आहत होकर उक्त शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
जल्द ही राष्ट्रपति से की जाएगी निजी मुलाकात
संदीप शर्मा ने बताया कि पिम्स प्रबंधन द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किए जा रहे अमानवीय बर्ताव और अत्याचार से अवगत करवाने के लिए उन्होंने देश के राष्ट्रपति महामहिम डा. रामनाथ कोविंद से निजी मुलाकात का समय मांगा हुआ है। इस संबंधी जरूरी औपचारिकताएं पहले ही पूरी की जा चुकी हैं। आने वाले कुछ दिनों में किसी भी समय राष्ट्रपति से निजी मुलाकात का समय मिल सकता है जिसमें दोनों कर्मचारियों के साथ हुई धक्केशाही और पुलिस प्रशासन द्वारा बरती गई लापरवाही के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी ताकि उन्हें न्याय दिलवाया जा सके।