Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 10:37 AM
पंजाब सरकार के वित्त विभाग द्वारा सरकारी डाक्टरों का एन.पी.ए. बंद किए जाने के प्रस्ताव का पी.सी.एम.एस. स्पैशलिस्ट डाक्टर्ज एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रधान डा. प्रेम भारती व महासचिव डा. जगदीश चंद्र ने कहा कि कुछ शरारती अफसरशाह...
होशियारपुर (जैन): पंजाब सरकार के वित्त विभाग द्वारा सरकारी डाक्टरों का एन.पी.ए. बंद किए जाने के प्रस्ताव का पी.सी.एम.एस. स्पैशलिस्ट डाक्टर्ज एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन के प्रधान डा. प्रेम भारती व महासचिव डा. जगदीश चंद्र ने कहा कि कुछ शरारती अफसरशाह सरकार को गुमराह कर रहे हैं।
इन अफसरों को मालूम होना चाहिए कि एन.पी.ए. डाक्टरों के लिए कोई भत्ता नहीं बल्कि विशेष कारणों के चलते उन्हें एन.पी.ए. दिया जाता है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों की पढ़ाई बहुत लंबे अर्से तक चलती है। इसी वजह से डाक्टर सरकारी सेवा में दूसरे अधिकारियों से कहीं ज्यादा देरी से शामिल होते हैं जिस कारण उनका सेवाकाल भी कम रह जाता है जिसके चलते पदोन्नतियों के अवसर कम रह जाते हैं। डा. प्रेम भारती व डा. जगदीश चंद्र ने कहा कि भयानक बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के इलाज में डाक्टरों को भी गंभीर खतरे बने रहते हैं। यहां तक कि टी.बी., हैपेटाइटिस, स्वाइन फ्लू जैसे रोगों का इलाज भी खतरे में रह कर करना पड़ता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिन्द्रा से अपील की है कि वित्त विभाग को निर्देश दिए जाएं कि इस प्रकार का विचाराधीन प्रस्ताव फौरी तौर पर वापस लिया जाए वर्ना राज्य भर के डाक्टर सामूहिक तौर पर संघर्ष करने पर मजबूर होंगे। इस अवसर पर डा. जसविन्द्र सिंह, डा. अमरजीत लाल, डा. उपकार सिंह, डा. मनमोहन, डा. गुरमीत सिंह, डा. प्रदीप भाटिया, डा. जे.एस. बैंस, डा. पवन कुमार, डा. स्वाति, डा. नीलम, डा. कमलेश, डा. सुनील भगत, डा. सर्बजीत सिंह ने भी सरकार के इस डाक्टर विरोधी प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया।