Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 02:12 PM
केंद्र सरकार की मदद से पंजाब के सरकारी स्कूलों में चल रही मिड-डे मील स्कीम सरकार की अनदेखी के कारण बंद हो गई थी। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार पंजाब सरकार ने फरीदकोट जिले में 417 के करीब स्कूलों को मिड-डे-मील खर्चों संबंधी बनती राशि कुछ दिन...
फरीदकोट(हाली): केंद्र सरकार की मदद से पंजाब के सरकारी स्कूलों में चल रही मिड-डे मील स्कीम सरकार की अनदेखी के कारण बंद हो गई थी। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी अनुसार पंजाब सरकार ने फरीदकोट जिले में 417 के करीब स्कूलों को मिड-डे-मील खर्चों संबंधी बनती राशि कुछ दिन पहले ही जारी की है।
सूचना के अनुसार 417 सरकारी स्कूलों में 47,500 के करीब विद्यार्थी पढ़ते हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत विद्यार्थी दलित और गरीब परिवारों के साथ संबंधित होने के कारण मिड-डेमील स्कीम का लाभ ले रहे हैं, परंतु सरकार की तरफ से उचित समय पर हर महीने राशि जारी करने में देरी होने पर यह स्कीम फरीदकोट जिले में बंद होने के बाद चालू की गई है। बता दें कि कुछ समय पहले अध्यापकों ने डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर में मांग पत्र देकर स्पष्ट किया था कि यदि सरकार ने मिड-डे-मील के लिए हर महीने जरूरी फंड मुहैया नहीं करवाए तो वह इस स्कीम को बंद करने के लिए मजबूर होंगे।
जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार ने फंडों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों को राशन खरीदने के लिए उचित समय पर अपेक्षित ग्रांट जारी नहीं की और न ही स्कूलों में अपेक्षित गेहूं, चावल और दालें भेजने में फुर्ती दिखाई, जिस कारण एक बार तो मिड-डेमील स्कीम बंद होने के किनारे पहुंच गई थी परंतु सरकार ने दिसम्बर महीने की राशि भेज कर डूबती जा रही स्कीम में फिर से जान डाल दी। कुछ समय पहले कई स्कूलों में मिड-डेमील के लिए आई गेहूं, चावल और अन्य सामग्री खत्म हो गई और स्कूलों ने विद्यार्थियों को दोपहर का खाना देना भी बंद कर दिया था।
क्या कहते हैं शिक्षा अधिकारी
इस संबंधी डिप्टी डी.ओ. धर्मवीर सिंह ने कहा कि मिड-डेमील की सरकार की तरफ से ग्रांट मिलने उपरांत स्कूलों को राशि तकसीम कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वह लगातार सभी स्कूलों में चैकिंग करके स्कीम को लगातार जारी रखेंगे।