Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 12:38 PM
राजपुरा की थोक सब्जी मंडी में लाखों रुपए की मार्कीट फीस चोरी कर सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है, क्योंकि अधिकतर फल-फ्रूट की सरकारी रिकार्ड में एंट्री तक नहीं की जाती जबकि मार्कीट कमेटी के सैक्रेटरी ने उक्त आरोपों का खंडन किया है।
राजपुरा(निर्दोष): राजपुरा की थोक सब्जी मंडी में लाखों रुपए की मार्कीट फीस चोरी कर सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है, क्योंकि अधिकतर फल-फ्रूट की सरकारी रिकार्ड में एंट्री तक नहीं की जाती जबकि मार्कीट कमेटी के सैक्रेटरी ने उक्त आरोपों का खंडन किया है।
जानकारी के अनुसार राजपुरा की थोक सब्जी मंडी में रोजाना लाखों रुपए का फल-फ्रूट बिकने के लिए बाहरी शहरों से आता है। मंडीकरण बोर्ड के एक्ट मुताबिक मंडी में बिकने आने वाले फल-फ्रूट का रिकार्ड सरकारी कागजों में दर्ज किया जाना लाजिमी है, ताकि उसके मुताबिक ही 3 प्रतिशत मार्कीट फीस और 3 प्रतिशत रूरल डिवैल्पमैंट फीस को वसूलकर सरकारी खजाने में दिया जा सके।
मंडी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि थोक सब्जी मंडी में बिकने आने वाले फल-फ्रूट की काफी मात्रा को सरकारी कागजों में दर्ज तक नहीं किया जाता, क्योंकि इस तरह का गोरखधंधा आढ़तियों और मार्कीट कमेटी के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से चल रहा है। इतना ही नहीं शहर की दुकानों के अलावा रेहडियों पर तरह-तरह के महंगे फल बिकते देखे जा सकते हैं, लेकिन उनका रिकार्ड में नाम तक नहीं होता।
सूत्रों का कहना है कि हर माह लाखों रुपए की मार्कीट फीस चोरी कर सरकारी खजाने को दिन-दिहाड़े ही चूना लगता आ रहा है। इस तरह की चोरी को रोकने के लिए विभागीय अधिकारियों ने कभी कोशिश तक नहीं की। बताया जाता है कि यदि मार्कीट फीस चोरी रुक जाए तो हर साल सरकार को करोड़ों रुपए का लाभ हो सकता है। एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इस तरह का गोरखधंधा राजपुरा ही नहीं बल्कि पंजाब की अन्य सब्जी मंडियों में भी चलता है।
क्या कहते हैं सैक्रेटरी
इस संबंधी मार्कीट कमेटी के सैके्रटरी गुरिंद्रपाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जितना भी माल आता है उसकी 100 प्रतिशत एंट्री होती है। उनकी मार्कीट कमेटी की फीस जिले में 10 प्रतिशत अधिक है।