Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 10:24 AM
देशभर में कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जिस राज्य में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हों। महिलाएं डरी-सहमी दिखाई दे रही हैं क्योंकि दुष्कर्म का दैत्य उनके आगे हर जगह मुंह खोल कर खड़ा है। यहां तक कि छोटी बच्चियों को भी दरिंदों द्वारा दुष्कर्म का शिकार बनाया...
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): देशभर में कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जिस राज्य में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हों। महिलाएं डरी-सहमी दिखाई दे रही हैं क्योंकि दुष्कर्म का दैत्य उनके आगे हर जगह मुंह खोल कर खड़ा है। यहां तक कि छोटी बच्चियों को भी दरिंदों द्वारा दुष्कर्म का शिकार बनाया जा रहा है। जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वे बहुत भयानक हैं।
देश में बढ़ रहा यह रुझान बेहद बुरा व नामोशी भरा है। इस रुझान को रोकने के लिए प्रत्येक वर्ग से संबंधित जागरूक व्यक्ति को आगे आने की जरूरत है ताकि मासूम जिंदगियां तबाह होने से बच सकें। सरकार भी इन मामलों पर कोई ठोस कदम नहीं उठा सकीं हैं। इस गंभीर मामले को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में रह रही महिलाओं का पक्ष जानने के लिए पंजाब केसरी द्वारा यह विरोष रिपोर्ट तैयार की गई है। आओ जानें क्या कुछ कहा इन महिलाओं ने।
कानून की लाठी होनी चाहिए सख्त : हरगोबिंद कौर
आंगनबाड़ी इम्प्लाइज यूनियन की हरगोबिंद कौर जो समाज सेविका के तौर पर भी समाज में विशेष भूमिका निभा रही हैं, का कहना है कि जब तक हमारे देश के कानून की लाठी सख्त नहीं होती, तब तक दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुकेंगी क्योंकि आरोपी कानून से डर ही नहीं रहे। हाजारों महिलाएं ऐसी हैं जिनसे दुष्कर्म हुआ परंतु इंसाफ न मिलने के कारण वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। कानून व्यस्था में सुधार करने की जरूरत है व ऐसे आरोपियों को मौत की सजा देनी चाहिए।
दुष्कर्मियों का सामाजिक तौर पर किया जाए बायकाट : हरमीत कौर
चक रूलदू वाला की वासी हरमीत कौर जो सामाजिक सुरक्षा स्त्री व बाल विकास विभाग पंजाब में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर के रूप में नौकरी कर रही हैं, ने कहा कि दुष्कर्मियों का सभी लोगों द्वारा सामाजिक तौर पर बायकाट किया जाए क्योंकि ऐसे लोग समाज पर बड़ा कलंक हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं व आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए खुलकर आगे आना चाहिए।