Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 03:07 PM
जिला पुलिस के कई थाना क्षेत्रों की पुलिस द्वारा जाली दस्तावेजों के सहारे खतरनाक अपराधियों की जमानत करवाने वाले गिरोह के साथ जुड़े कई आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद भी कोर्ट काम्पलैक्स में फर्जी दस्तावेजों की मदद से जमानत करवाने वाले गिरोह के सदस्य...
कपूरथला (भूषण): जिला पुलिस के कई थाना क्षेत्रों की पुलिस द्वारा जाली दस्तावेजों के सहारे खतरनाक अपराधियों की जमानत करवाने वाले गिरोह के साथ जुड़े कई आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद भी कोर्ट काम्पलैक्स में फर्जी दस्तावेजों की मदद से जमानत करवाने वाले गिरोह के सदस्य एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं, जो प्रदेश की अलग-अलग जेलों से जुड़े अपने संपर्क सूत्रों की मदद से कई गंभीर मामलों का सामना कर रहे उन हवालातियों व कैदियों की लाखों रुपए की रकम लेकर जमानतें करवा रहे हैं जिनके पास अपना कोई जमानती नहीं होता।
फर्जी जमानत मिलते ही भगौड़े हो जाते हैं अपराधी
कपूरथला पुलिस से संबंधित विभिन्न थाना क्षेत्रों की पुलिस ऐसे कई बड़े गिरोह पकड़ चुकी है जो खतरनाक अपराधियों से लाखों रुपए की रकम लेकर उनकी जेलों से जमानत करवा चुके थे, जिस दौरान जमानत मिलते ही उक्त अपराधी भगौड़े हो गए। यदि पुलिस आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो गत एक दशक के दौरान जिला पुलिस विभिन्न मामलों में ऐसे 20 मामले दर्ज कर कई फर्जी नबरदारों तथा जमानतियों को काबू कर चुकी है। इनमें कुछ आरोपियों ने तो कई ऐसे खतरनाक अपराधियों की जमानतें करवाई थीं जिन्होंने कई संगीन अपराध किए थे तथा उनका अब तक कोई सुराग नहीं है लेकिन जेल से जमानत मिलते ही जाली जमानत करवाने वाले गिरोह फिर से सक्रिय हो जाते हैं।
20,000 से लेकर 2 लाख रुपए तक लेता है जमानती गिरोह
जाली जमानतें करवा कर जेल में बंद अपराधियों से मोटी रकम वसूलने वाले गिरोह के सदस्य जेल से आने के बाद एक बार फिर फर्जी दस्तावेजों की मदद से प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद हवालातियों व कैदियों की जमानतें करवाने की खेल में जुट गए हैं। जो प्रति कैदी के ही हिसाब से 20,000 से लेकर 2 लाख रुपए की रकम लेकर जाली दस्तावेजों की मदद से जमानतें करवा रहे हैं।
ऐसे गिरोह के सदस्य अपने संपर्क सूत्रों की मदद से संबंधित जेलों में जाकर कैदियों से मुलाकात के बहाने उनसे सौदा कर लेते हैं, जिसके बाद कैदी जमानत करवा भाग निकलते हैं। यदि आकंड़ों की ओर नजर दौड़ाई जाए तो गत एक दशक के दौरान ही कत्ल व धोखाधड़ी जैसे मामलों में बंद 15 अपराधी फर्जी दस्तावेजों की मदद से जमानत करवा भाग चुके हैं, जिनके बारे में कोई सुराग नहीं है।