Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 10:02 AM
एक तरफ जहां सरकार बी.पी.एल. परिवारों, अनुसूचित जाति/जनजाति के साथ पिछड़े वर्ग के उपभोक्ताओं के बिजली बिल माफ करने के दावे करती आ रही है
पठानकोट(शारदा, मनिन्द्र): एक तरफ जहां सरकार बी.पी.एल. परिवारों, अनुसूचित जाति/जनजाति के साथ पिछड़े वर्ग के उपभोक्ताओं के बिजली बिल माफ करने के दावे करती आ रही है । वहीं दूसरी ओर नगर से सटे गांव बुंगल के वार्ड नं. 5 में रहने वाले एक पिछड़े वर्ग से संबंधित गरीब को पावरकॉम हर महीने लाखों का बिल भुगतान के लिए भेज देता है जिससे पीड़ित परिवार के हाथ-पांव फूले हुए हैं।
पीड़ित परिवार में मां-पुत्र हैं जो कि 3 कमरों के मकान में रह रहे हैं जिन्हें विभाग द्वारा लाखों का बिल तुगलकी फरमान के रूप में पिछले समय से आ रहा है।
पीड़ित परिवार की सदस्य नीलम कुमारी के साथ वार्ड पंच बाल किशन ने इस संबंध में बताया कि वह (नीलम कुमारी) व उसका बेटा इन 3 कमरों के मकान में रहते हैं उनके पास महज एक-एक पंखा व एक-एक बल्ब है। इसके बावजूद संबंधित विभाग उनको हर महीने लाखों का बिल भेज देता है। विभाग को बार-बार इस संबंध में अवगत करवाने के बावजूद इस विभागीय त्रुटि को दुरुस्त नहीं किया जाता तथा हर बार बिजली खपत की रीडिंग लेने वाला मीटर रीडर लाखों का बिल उन्हें आकर थमा जाता है।
वहीं इसी गांव के एक सम्पन्न परिवार का पिछले दो सालों से बिजली बिल मात्र 70 रुपए से 450 रुपए के बीच आ रहा है जबकि इस परिवार के घर में इनवर्टर, फ्रिज, कूलर, वॉशिंग मशीन, इलैक्ट्रानिक बिजली उपकरण हैं। ऐसे में आधुनिक उपकरणों से सजे सम्पन्न परिवार का बिजली बिल महज रुपयों तथा साधन विहीन जरूरतमंद परिवार का बिजली बिल जिसकी खपत बेहद कम है, लाखों रुपए में आना निश्चित रूप से पावरकॉम विभाग की लचर कार्यप्रणाली की ओर इंगित करता है।