Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 03:12 PM
एक तरफ जहां वर्ष 2015 में नगर कौंसिल से पहली बार नगर निगम बने मोगा से शहर निवासियों को यह उम्मीद हुई थी कि निगम बनने के बाद शहर का होने वाला सर्वपक्षीय विकास शहर को नई दिशा प्रदान कर देगा, लेकिन दूसरी तरफ नगर निगम की नई बनी टीम की आपसी कथित...
मोगा(ग्रोवर): एक तरफ जहां वर्ष 2015 में नगर कौंसिल से पहली बार नगर निगम बने मोगा से शहर निवासियों को यह उम्मीद हुई थी कि निगम बनने के बाद शहर का होने वाला सर्वपक्षीय विकास शहर को नई दिशा प्रदान कर देगा, लेकिन दूसरी तरफ नगर निगम की नई बनी टीम की आपसी कथित ‘गुटबंदी’ के चलते शहर की हालत बद से बदतर हो गई है।
हैरानी की बात तो यह है कि विभिन्न वार्डों के अधिकारियों, मेयर तथा पंजाब की नई बनी कांग्रेस सरकार के नुमाइंदों के सामने शहर निवासियों ने शहर की इस बदतर हालत का रोना तो पिछले 8 महीनों से लगातार रोया, लेकिन किसी ने शहर के रुके विकास कार्यों का पहिया पुन: पटरी पर लाने की कार्रवाई अमल तौर पर शुरू नहीं की, जिस कारण शहर निवासियों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर पहुंच गया है।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा रुके विकास कार्यों के मामले पर शहर की जमीनी हकीकत जानने के लिए जब शहर के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया तो शहर के कुछ वार्डों को छोड़कर समूचे शहर की टूटी सड़कें, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की कमी बहुत ही वार्डों में देखने को मिली। ‘पंजाब केसरी’ के सामने शहर निवासियों ने विकास का रोना रोते हुए कहा कि इससे नगर कौंसिल ही ठीक थी, जब शहर की समस्याएं एक-एक करके हल हो जाती थीं। शहर की सभी राजनीतिक पाॢटयों के नेताओं तथा समूचे पार्षदों को एक प्लेटफार्म पर एकत्रत होकर विकास कार्यों संबंधी बनाई रणनीति को अमलीजामा पहनाने की जरूरत है, नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब मोगा शहर चारों तरफ से समस्याओं से घिर जाएगा
वार्ड नंबर-7 मूलभूत समस्याओं से वंचित
शहर के वार्ड नंबर-7 के निवासी लवप्रीत सिंह ने बताया कि वार्ड की गलियों पर डाले पत्थरों पर समय पर प्रीमिक्स न डालने के चलते अब पत्थरों में से मिट्टी भी निकल गई है। उक्त पत्थरों पर दोपहिया वाहनों ने तो क्या चलना है, बल्कि शहर निवासियों का इन पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। वार्ड अंतर्गत पड़ते एक छोटे स्कूल में पढऩे आते नन्हे बज्जों को गुजरना भी किसी समस्या से कम नहीं है। वार्ड निवासियों का कहना है कि इस संबंधी वार्ड पार्षद व नगर निगम मोगा के अधिकारियों को भी कई शिकायतें दी हैं, लेकिन फिर भी वार्ड की समस्याएं ज्यों की त्यों बरकरार हैं।