Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jan, 2018 10:15 AM
राजपुरा-धुरी वाया पटियाला रेल लाइन को इलैक्ट्रिफाई करने का काम अब संबंधित एजैंसी को जल्द ही पूरा करवाना होगा। क्योंकि डी. एम. डब्ल्यू. को पिछले माह 2 इलैक्ट्रिक लोको
पटियाला (प्रतिभा): राजपुरा-धुरी वाया पटियाला रेल लाइन को इलैक्ट्रिफाई करने का काम अब संबंधित एजैंसी को जल्द ही पूरा करवाना होगा। क्योंकि डी. एम. डब्ल्यू. को पिछले माह 2 इलैक्ट्रिक लोको (इंजन) बनाने का काम मिला था और अब तक एक इंजन 80 फीसदी तक पूरा हो चुका है और दूसरे पर काम चल रहा है। इन इंजनों की टैस्टिंग के लिए इलैक्ट्रिफाई रेल लाइन पटियाला में नहीं है।
ऐसे में डी.एम.डब्ल्यू. इंजन तो तैयार कर लेगा पर इसकी टैस्टिंग के लिए इंजन किसी अन्य जगह पर भेजने होंगे। फिलहाल तो पहले चरण में यह काम चल जाएगा पर हर बार टैस्टिंग के लिए इंजन बाहर भेजने भी संभव नहीं हैं। ऐसे में अब राजपुरा-धुरी रेल लाइन को इलैक्ट्रिफाई जल्द ही करने की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि सरकार ने देश को इलैक्ट्रिफिकेशन करने की कड़ी में डी.एम.डब्ल्यू. में इलैक्ट्रिक लोको (इंजन) बनाने का काम पिछले माह ही शुरू कर दिया। हालांकि इसे लेकर कर्मचारियों ने विरोध भी जताया लेकिन बावजूद इसके यहां इंजन बनने शुरू कर दिए गए।
इलैक्ट्रिक इंजन को बनाने के लिए डी.एम.डब्ल्यू. के कर्मचारियों को बाकायदा बाहर राज्यों में भेजकर ट्रेङ्क्षनग भी दिलवाई गई थी।इसके बाद यहां विशेषज्ञों की निगरानी में काम शुरू कर दिया गया। इसमें एक इंजन 80 फीसदी तक बनकर तैयार भी हो गया है। वहीं दूसरे इंजन के भी पार्ट्स जैसे-जैसे आ रहे हैं, वह भी तैयार हो रहा है। इसके अलावा डी.एम.डब्ल्यू. वाराणसी में भी इलैक्ट्रिक लोको बनने शुरू हो चुके हैं।
इंजन बनने के बाद टैस्टिंग को लेकर रहेगी समस्या
पहले चरण में डी.एम.डब्ल्यू. अथॉरिटी की देखरेख में 2 इंजन जनवरी आखिर तक तैयार हो जाएंगे। उसके बाद इनकी टैस्टिंग कहां की जाएगी, यह फैसला भी लिया जाना है। जानकारी के मुताबिक अभी तो ये इंजन लुधियाना लाइन पर जाकर टैस्ट कर लिए जाएंगे, पर मार्च 2019 तक डी.एम.डब्ल्यू. को 60 इलैक्ट्रिक इंजन तैयार करके देने हैं। ऐसे में 2-3 माह बाद बड़ी गिनती में इंजन तैयार होंगे और फिर उनकी टैस्टिंग को लेकर समस्या रहेगी क्योंकि हर बार लुधियाना लाइन पर इंजन टैस्ट करने के लिए नहीं भेजे जा सकते। राजपुरा-पटियाला इलैक्ट्रिफिकेशन पहले करने को कहा जा सकता है
डी.एम.डब्ल्यू. अथॉरिटी की मानें तो इंजन टैस्टिंग के लिए इलैक्ट्रिफिकेशन कर रही एजैंसी को पहले राजपुरा से पटियाला तक एक पावर लाइन डालने को कहा जा सकता है। ताकि यहां बनने वाले सभी इंजन टैस्ट किए जा सकें। बता दें कि इलैक्ट्रिफिकेशन का काम 2015 में मंजूर हुआ था। उसके बाद 2015 के आखिर में फाऊंडेशन डालने का काम राजपुरा से आगे शुरू हुआ। हालांकि फाऊंडेशन पटियाला तक डाले जा चुके हैं। इनमें पोल लगने के बाद तार डालने का काम होना है। वहीं डी.एम.डब्ल्यू. अथॉरिटी का कहना है कि वह देश के सबसे अच्छे और बेहतर इलैक्ट्रिक लोको यहां तैयार करेंगे।