Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 09:38 AM
नगर के टेल एंड को आगे सिविल एयरपोर्ट व हिमाचल प्रदेश से सटे करीब आधा दर्जन गांवों को जोडऩे वाला महत्वपूर्ण एयरपोर्ट रोड विभागीय निष्क्रियता व पिछले 2 दशकों से चक्की खड्ड में हुई अंधाधुंध माइनिंग की भेंट चढ़ते जल समाधि लेता दिख रहा है।
पठानकोट (शारदा): नगर के टेल एंड को आगे सिविल एयरपोर्ट व हिमाचल प्रदेश से सटे करीब आधा दर्जन गांवों को जोडऩे वाला महत्वपूर्ण एयरपोर्ट रोड विभागीय निष्क्रियता व पिछले 2 दशकों से चक्की खड्ड में हुई अंधाधुंध माइनिंग की भेंट चढ़ते जल समाधि लेता दिख रहा है।
पिछले 3 वर्षों दौरान तो निरंतर हो रहे किनारों के क्षरण व कटाव के चलते मार्ग न तो अब दोपहिया तथा न ही चौपहिया वाहनों के गुजरने योग्य रह गया है। पिछले समय दौरान समय-समय पर भूस्खलन के चलते इस एयरपोर्ट पर करीब आधा किलोमीटर भाग तो तीन-चौथाई रूप से जल समाधि भी ले चुका है। ऐसे में अब यह मार्ग पैदल राहगीरों के गुजरने लायक नहीं रह गया है जबकि प्रतिदिन इसी मार्ग से गुजरकर आगे के आधा दर्जन गांवों की जनता, नौकरीपेशा व स्कूली बच्चे अपनी दिनचर्या के मुताबिक पंजाब के सटे भागों में आते-जाते हैं जिनके लिए इस मार्ग से गुजरना निश्चित रूप मौत से सीधे रू-ब-रू होने समान है।
सिविल एयरपोर्ट एवं 5 गांवों को जाने वाले मुख्य ङ्क्षलक मार्ग के रोजाना धंसने के कारण तथा गहरी निद्रा में सोए प्रशासन को जगाने हेतु गांव वासियों ने प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इसके बावजूद इस मार्ग को दुरुस्त करने हेतु जो कार्य चल रहा है वो मकड़ी चाल में चल रहा है तथा अब तक जो कार्य हुआ है वो लगभग नगण्य है। जनता में इस बात को लेकर रोष है कि अगर इसी सुस्त चाल से कार्य चलता रहा तो आगामी समय में बरसात होने पर कभी भूमि कटाव होने पर फिर से मार्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ सकता है।
क्या कहती है प्रभावित गांवों की जनता?
प्रभावित गांवों की जनता शामदीन, शेर सिंह, नशीन दीन, भजन सिंह, विक्की, रशीद अहमद, पवन कुमार, रोशनदीन, अब्दुला, जोगिन्दर सिंह, बलविंदर सिंह, ओंकार सिंह, सुलखन सिंह, गुरमीत सिंह ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि 3 वर्ष पहले हुई बरसात के दौरान यह महत्वपूर्ण मार्ग सिर्फ थोड़ा सा धंसा था लेकिन प्रशासन व संबंधित विभाग ने इस समय इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने रोष जाहिर करते हुए कहा कि उक्त मार्ग संबंधी पेश आ रही समस्या को लेकर प्रशासन के समक्ष कई बार मुद्दा उठाया गया है लेकिन प्रशासन व संबंधित विभाग के कानों तक जूं नहीं रेंगी।
विभाग द्वारा मार्ग के किनारे बनाए जा रहे स्परों पर भी ग्रामीणों ने उठाए सवाल
वहीं चक्की खड्ड में निरंतर रूप से धंसती जा रही मुख्य सड़क को बचाने हेतु जो लाखों की लागत से निर्माण कार्य चल रहा है उसको लेकर भी ग्रामीण जनता स्वर मुखर कर रही है। लोगों के अनुसार अभी तक महज कुछ ही फुट तक सिर्फ स्पर ही बांधे गए हैं, वहीं दूसरी तरफ मुख्य सड़क का भाग चक्की खड्ड में लगातार जल समाधि लेना जारी है।
ऐसे में अगर एक भी और मूसलाधार बरसात होती है तो जो थोड़ा-बहुत कार्य हुआ है वह भी रसातल में चला जाएगा वहीं इस मार्ग का और भी हिस्सा जल समाधि ले सकता है। वहीं मार्ग के आगे स्थित 5 पंचायतों को जाने वाले लोग सिर्फ टापू की तरह रह जाएंगे। विभाग की ओर से नए बनाए गए स्परों को लेकर गांव वासियों में काफी रोष है क्योंकि उनका मानना है कि चक्की खड्ड, जिससे यह मार्ग संलग्र है, की गहराई इतनी पाताल तक जा चुकी है कि स्परों का निर्माण अप्रासंगिक है।