Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 07:12 AM
नगर निगम के एडीशनल कमिश्रर जसबीर सिंह ने नगर निगम कमिश्रर डा. बसंत गर्ग से चर्चा करने के बाद नगर निगम के 6 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड कर दिया है। सस्पैंड हुए कर्मचारियों में वाटर सप्लाई शाखा के टैक्नीशियन शाम सिंह व योगेश शर्मा......
जालंधर (खुराना): नगर निगम के एडीशनल कमिश्रर जसबीर सिंह ने नगर निगम कमिश्रर डा. बसंत गर्ग से चर्चा करने के बाद नगर निगम के 6 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड कर दिया है। सस्पैंड हुए कर्मचारियों में वाटर सप्लाई शाखा के टैक्नीशियन शाम सिंह व योगेश शर्मा, तहबाजारी शाखा के जूनियर सहायक अमित कुमार, रिक्शा-टांगा शाखा के जूनियर सहायक अनीत कुमार, प्रॉपर्टी टैक्स शाखा के क्लर्क रविन्द्र कुमार तथा बिल्डिंग शाखा के क्लर्क नितिन शामिल हैं। अपने आदेशों में एडीशनल कमिश्रर ने लिखा है कि डिप्टी कमिश्रर ने बुढ़ापा पैंशनों के सर्वे का काम 2 महीने के भीतर निपटाने के आदेश दिए थे परंतु 3 महीने बीत जाने के बावजूद इन कर्मचारियों ने सर्वे का काम पूरा नहीं किया, जिस कारण इनको नौकरी से सस्पैंड किया जाता है।
5000 से ज्यादा पैंशनों की जांच अटकी
इस साल के शुरू में जब पंजाब में कांग्रेस सरकार आई तो कांग्रेसियों ने अकाली-भाजपा सरकार द्वारा लगाई गई वृद्धावस्था पैंशनों में बड़ा घोटाला बताते हुए इनकी जांच करवाने के आदेश दिए जिसके लिए डिप्टी कमिश्रर की ड्यूटी लगाई गई। डिप्टी कमिश्रर ने जहां बाकी विभागों से स्टाफ मंगवा कर इस ड्यूटी पर लगवाया वहीं नगर निगम से भी कई कर्मचारी पैंशनरों की वैरीफिकेशन के काम पर लगाए गए। निगम कर्मचारियों द्वारा पुरानी पैंशनों की वैरीफिकेशन का काम बार-बार लटकाया जा रहा था जिस कारण डी.सी. कार्यालय को दिक्कतें पेश आ रही थीं। सूत्रों से पता चला है कि जिन 6 निगम कर्मियों को आज सस्पैंड किया गया। उनके पास 5000 से ज्यादा पैंशन फार्मों की जांच का जिम्मा था परंतु यह कर्मचारी फील्ड में जाकर काम नहीं निपटा रहे थे।
डी.सी. ने जताई थी सख्त नाराजगी
पता चला है कि पैंशनरों के सर्वे के काम में निगम कर्मचारियों द्वारा बरती जा रही ढील का सख्त नोटिस लिया जा रहा था और बार-बार चेतावनी दी जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक डिप्टी कमिश्रर की ओर से आज निगम के संबंधित अधिकारियों से इस मामले में सख्त नाराजगी व्यक्त की गई जिस कारण सर्वे हेतु लगाए गए 6 कर्मचारियों को आदेश न मानने के कारण सस्पैंड कर दिया गया।