Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 09:03 AM
एक वर्ष से ही दिल ही दिल में किसी को अपना बनाने की चाहत पाल रही नौजवान पीढ़ी अब प्रेम परीक्षा देने की तैयारी कर रही है। तैयारियों के लिए दिलों में उधेड़-बुन चल रही है। दिल ही दिल में अपने आप से बातें हो रही हैं कि किस तरह पूरी शालीनता से अपने प्यार...
सुल्तानपुर लोधी (धीर): एक वर्ष से ही दिल ही दिल में किसी को अपना बनाने की चाहत पाल रही नौजवान पीढ़ी अब प्रेम परीक्षा देने की तैयारी कर रही है। तैयारियों के लिए दिलों में उधेड़-बुन चल रही है। दिल ही दिल में अपने आप से बातें हो रही हैं कि किस तरह पूरी शालीनता से अपने प्यार का इजहार करना है। जी हां हम बात कर रहे हैं वैलेंटाइन्स वीक की। वैलेंटाइन्स वीक की शुरूआत 7 फरवरी से हो रही है। वैलेंटाइन्स का नाम सुनते ही नौजवानों के दिल की धड़कन तेज हो जाती है। हो भी क्यों न, प्यार का अहसास जितना प्यारा होता है उसको गंवा देने का खतरा और भी अधिक होता है। वैलेंटाइन्स-डे का अहसास नौजवानों को अपने आप में समेट लेने के लिए तैयार है।
कौन थे संत वैलेंटाइन्स
रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट कलाडियस का शासन था। उसका मानना था कि विवाह करने से पुरुषों की शक्ति व बुद्धि कम हो जाती है। उसने आदेश जारी किया कि उसका कोई भी सैनिक या अधिकारी विवाह नहीं करवाएगा। संत वैलेंटाइन्स ने इस तानाशाह आदेश का विरोध किया। उनकी प्रेरणा से अनेकों सैनिकों व अधिकारियों ने विवाह किए। अंत में कलाडियस ने 14 फरवरी सन् 269 को संत वैलेंटाइन्स को फांसी पर चढ़ा दिया। तब से उनकी याद में प्रेम दिवस वैलेंटाइन्स-डे या संत वैलेंटाइन्स-डे के तौर पर मनाया जाने लगा।
हर रंग का गुलाब कुछ कहता है
खुशी व प्यार का इजहार करने के लिए फूल (तोहफा) न हो भला ऐसा कैसे हो सकता है। वैलेंटाइन्स वीक की शुरूआत 7 फरवरी को रोज-डे के साथ हो रही है। वैसे तो लाल गुलाब को पे्रम का प्रतीक माना जाता है लेकिन रोज-डे पर लाल, पीले, गुलाबी सहित हर रंग के गुलाबों का जलवा रहता है। हर रंग का गुलाब कुछ कहता है। पीला गुलाब दोस्ती का प्रतीक है। लाल गुलाब देकर दिल की बात बयान करते समय सांस अटकी रहती है लेकिन पीले व गुलाबी रंग के गुलाब इस डर को समाप्त करते हैं।