खुलासाः पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से ही जेलों में पहुंचते हैं नशीले पदार्थ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 03:14 PM

drug addicts arrive in jails only by the collusion of policemen

केंद्रीय जेल सहित राज्य के थानों की जेलों में बंद कैदियों को नशीली वस्तुएं आसानी से मिल जाती हैं। दरअसल जेल सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ही कैदियों को इन नशीले पदार्थों की आपूर्ति करते हैं जिसके चलते जेल के भीतर आसानी से नशीले पदार्थ उपलब्ध हो जाते...

कपूरथला (भूषण): केंद्रीय जेल सहित राज्य के थानों की जेलों में बंद कैदियों को नशीली वस्तुएं आसानी से मिल जाती हैं। दरअसल जेल सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ही कैदियों को इन नशीले पदार्थों की आपूर्ति करते हैं जिसके चलते जेल के भीतर आसानी से नशीले पदार्थ उपलब्ध हो जाते हैं। जेल में रहकर भी रसूखदार कैदी नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं।

सूत्रों के अनुसार जेल में कैदियों तक नशीले पदार्थ पहुंचाने में जेल के रक्षा दरवाजे पर तैनात हर छोटा-बड़ा पुलिसकर्मी इस काम में लिप्त हैं। बाहर से सस्ती मिलने वाली नशीली वस्तुएं कैदियों तक पहुंचते-पहुंचते दोगुने दाम की हो जाती हैं। दरबान से लेकर जेल में सजा काट रहे कैदियों तक नशीले पदार्थों की आपूर्ति का जाल बिछा हुआ है। सूत्रों के अनुसार जेल के भीतर सजा काट रहे कैदी जेल में आए नए कैदियों को नशे की लत लगाते हैं। नए कैदी को नशे की लत लगने के बाद पुराने कैदी न सिर्फ  इसकी आपूर्ति कर पैसा बनाते हैं, बल्कि उनके द्वारा खरीदे गए नशीले पदार्थ का मजा भी लेते हैं।

तारीख पर आए कुछ कैदी भी जेल वापस जाते समय छुपा कर ले जाते हैं नशीली वस्तुएं 
कुछ कैदी तारीख पर अदालत आते हैं और जेल वापस जाते समय नशीली वस्तुएं छिपाकर जेल में ले जाते हैं। फिर उन नशीले पदार्थों का स्वयं सेवन करने के साथ ही अन्य कैदियों को भी आपूर्ति करते हैं। जेल से निकले कुछ आरोपियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि जेल के अन्दर माफिया और रसूखदार कैदियों को नशीले पदार्थों की आपूर्ति बड़े आराम से हो जाती है। इस काम में पुलिसकर्मी पूरी तरह लिप्त रहते हैं। इस कार्य से होने वाली आय नीचे से ऊपर तक के पुलिसकर्मी की ऊपरी कमाई का प्रमुख जरिया है।

विभाग की मुहिम को ब्रेक लगाने में लगे हैं विभाग के ही कर्मचारी 
पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रदेश की विभिन्न जेलों में लगातार बढ़ रहे नशे के प्रसार और गैगस्टरों की बढ़ती गतिविधियों को रोकने के लिए संबंधित जेल प्रशासन और पंजाब पुलिस द्वारा सुंयक्त तौर पर चलाई गई बड़ी मुहिम से जहां कई जेलों पर बड़े स्तर पर ड्रग बरामदगी हुई है, वहीं गैंगस्टरों की गतिविधियों पर काफी हद तक नकेल कसी गई है लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश की जेलों में तैनात बड़ी संख्या में जेल कर्मचारियों और अन्य सुरक्षा विभागों के संबंधित कर्मचारियों की गतिविधियां कहीं न कहीं जेल प्रशासन व पंजाब पुलिस की मुहिम पर संयुक्त तौर पर ब्रेक लगा रही हैं जिसकी मिसाल है पिछले दिनों माडर्न जेल के नाम से मशहूर केंद्रीय जेल जालंधर और कपूरथला में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात पंजाब आम्र्ड पुलिस के एक हैड कांस्टेबल से भारी मात्रा में नशीली गोलियां बरामद होना।

जेलों को ठिकाना बनाए बैठे हैं कई बड़े गैंगस्टर
प्रदेश में पिछले 2 दशक से नशे के लगातार बढ़ रहे रुझान के परिणामस्वरूप जहां ड्रग की इस मार से प्रदेश की जेलें भी नहीं बच सकीं, वहीं पुलिस द्वारा पकड़े गए गैंगस्टरों ने जेलों को अपना ठिकाना बनाया हुआ है जिसके परिणामस्वरूप पंजाब की कई बड़ी जेलों में नशे और गैंगवार की घटनाओं के मद्देनजर गत कुछ महीनों से जेल प्रशासन और पंजाब पुलिस ने बड़े स्तर पर जेलों में सर्च मुहिम चलाई हुई है। इसके परिणामस्वरूप पुलिस और जेल प्रशासन को बड़ी कामयाबियां भी मिली हैं पर इसके बावजूद भी प्रदेश की जेलों में बड़ी संख्या में ऐसे सुरक्षा कर्मचारी भी तैनात हैं जिनके तार जेलों में बंद कई बड़े अपराधियों और गैंगस्टरों के साथ जुड़े हुए हैं। जो उन्हें नशीले पदार्थ सप्लाई करने के साथ-साथ कई अहम जानकारियां देने के मामले में गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी ऐसे कर्मचारियों की गतिविधियां लगातार जारी हैं। 

कपूरथला पुलिस कर चुकी है 10 जेल कर्मचारियों पर केस दर्ज और कइयों की ट्रांसफर  
प्रदेश की सबसे बड़ी जेलों में शुमार होने वाली केंद्रीय जेल जालंधर और कपूरथला में गत 7 वर्षों दौरान ऐसे कई जेल और पुलिस कर्मचारियों को काबू किया जा चुका है जो जेल में कैदियों और हवालातियों को नशीले पदार्थ की खेप पहुंचाने में मदद करते हैं। इनमें से कई कर्मचारियों को तो कपूरथला पुलिस ने नाकाबंदी दौरान गिरफ्तार किया है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार गत 7 वर्षों से कपूरथला पुलिस 10 जेल कर्मचारियों के खिलाफ ड्रग बरामदगी को लेकर मामले दर्ज कर चुकी है पर इसके बावजूद भी कई कर्मचारियों की गतिविधियों संदिग्ध होने के कारण उनको दूसरी जेलों में ट्रांसफर किया जा चुका है।

क्या कहते हैं सुपरिंटैंडैंट जेल
इस संबंध में जब सुपरिंटैंडैंट जेल एस.पी. खन्ना के साथ संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि केंद्रीय जेल में नशे को लेकर काफी सख्ती की गई है। वहीं गैंगस्टरों को विभिन्न बैरकों में बंद किया गया है। इसके साथ ही किसी भी कर्मचारी की संदिग्ध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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