Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 03:49 PM
मोदी सरकार द्वारा अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश किया जा चुका है। क्या बजट मजदूरों, किसानों, कर्मचारी वर्ग, कार्पोरेट हस्तियों, व्यापारियों या नौजवानों के हित में था, इस संबंधी विभिन्न समाज के वर्ग के लोगों के साथ ‘पंजाब केसरी’ ने बातचीत की तो उन्होंने...
सुल्तानपुर लोधी (धीर): मोदी सरकार द्वारा अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश किया जा चुका है। क्या बजट मजदूरों, किसानों, कर्मचारी वर्ग, कार्पोरेट हस्तियों, व्यापारियों या नौजवानों के हित में था, इस संबंधी विभिन्न समाज के वर्ग के लोगों के साथ ‘पंजाब केसरी’ ने बातचीत की तो उन्होंने अपने विचार कुछ इस तरह से रखे।
बजट में सबसे अधिक लाभ कार्पोरेट घरानों को दिया गया है जिनको ऊंची आमदन व टैक्स में बड़ी राहत दी गई है। रीयल एस्टेट कारोबार को फिर से कदमों पर लाने संबंधी कुछ भी नहीं किया गया जिस कारण यह बजट रीयल एस्टेट विरोधी है।
संतोख सिंह बग्गा
केंद्र सरकार ने आॢथक प्रबंध तहस-नहस होने की दलील देकर सुप्रीम कोर्ट में स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू न हो सकने संबंधी हलफिया बयान दिया है, दूसरी तरफ सरकार कम से कम समर्थन मूल्य का डेढ़ गुणा लाभ देने संबंधी कह रही है। बजट में किसानों व आत्महत्याएं कर चुके किसानों के पीड़ितों परिवारों का कर्ज माफ करने के लिए कोई फंड नहीं रखे गए हैं।
परमजीत सिंह बाऊपुर, किसान संघर्ष कमेटी