Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 11:46 AM
जिला जालंधर के अध्यापकों ने एक विशेष बैठक कर संयुक्त मोर्चे का गठन कर अपनी मांगों के लेकर पंजाब सरकार के विरुद्ध संघर्ष तेज करने का ऐलान कर दिया है। बैठक के पश्चात संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं गुरमीत सिंह कोटली तथा गणेश भक्त ने बताया कि पंजाब...
शाहकोट(मरवाहा, त्रेहन): जिला जालंधर के अध्यापकों ने एक विशेष बैठक कर संयुक्त मोर्चे का गठन कर अपनी मांगों के लेकर पंजाब सरकार के विरुद्ध संघर्ष तेज करने का ऐलान कर दिया है। बैठक के पश्चात संयुक्त मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं गुरमीत सिंह कोटली तथा गणेश भक्त ने बताया कि पंजाब सरकार शिक्षा का व्यापारीकरण करके गरीब परिवारों के छात्रों से शिक्षा का मौलिक अधिकार छीन रही है। माध्यमिक स्कूलों में अध्यापकों के पद कम कर रही है।
छात्रों की कमी का बहाना बना कर बड़े स्तर पर सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है। नकल रोकने के नाम पर 10वीं तथा 12वीं कक्षा के परीक्षा केंद्र बहुत दूर बना कर उन्हें परेशान करना चाहती है। शिक्षा मंत्री के इशारों पर शिक्षा सचिव द्वारा दिन-प्रतिदिन नादिरशाही फरमान जारी कर अध्यापक वर्ग में डर पैदा किया जा रहा है। इन्हीं गलत नीतियों व अध्यापकों की मांगों को मनवाने के लिए संयुक्त मोर्चा बना कर पंजाब सरकार के विरुद्ध संघर्ष तेज करने का ऐलान कर दिया है।
आने वाले दिनों में पंजाब के सभी जिलों में सरकार की अर्थी फूंक प्रदर्शन किए जाएंगे। 18 फरवरी को शिक्षा मंत्री के हलके दीनानगर में विशाल झंडा मार्च किया जाएगा। अध्यापकों ने जहां केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए सालाना बजट को भी कर्मचारियों ने जनविरोधी बताया, वहीं मास्टर कैडर यूनियन द्वारा किए जा रहे संघर्ष की भी पूर्ण समर्थन करने का ऐलान किया।