Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 10:58 AM
एक तरफ जहां पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा पंजाब पुलिस में आधुनिकीकरण व पारदर्शिता के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, वहीं उन्हें जालंधर कमिश्नरेट की जमीनी हकीकत का नहीं पता कि थानों में तैनात थानेदार ही उनके सपनों को तोड़ रहे हैं। करीब 2 साल पहले...
जालंधर (शौरी): एक तरफ जहां पंजाब के डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा पंजाब पुलिस में आधुनिकीकरण व पारदर्शिता के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, वहीं उन्हें जालंधर कमिश्नरेट की जमीनी हकीकत का नहीं पता कि थानों में तैनात थानेदार ही उनके सपनों को तोड़ रहे हैं। करीब 2 साल पहले डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा की प्रपोजल पर पंजाब के तत्कालीन गृह मंत्री व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल ने घोषणा की थी कि विदेशों की तर्ज पर पंजाब के सभी शहरों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएंगे व इस प्रोजैक्ट पर 1000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इसके बाद कोई भी वांछित अपराधी अगर कैमरे की नजर में आएगा तो तुरंत कंट्रोल रूम में सूचना पहुंच जाएगी। इसके साथ ही पंजाब में एस.एस.पीज व पुलिस कमिश्नरों को आदेश जारी हुआ था कि सभी थानों को सी.सी.टी.वी. कैमरों से लैस किया जाए। मुंशी से लेकर एस.एच.ओ. के रूम में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएं ताकि सभी थानों की मानिटरिंग आला पुलिस अफसर कर सकें। इसके बाद प्रभावशाली लोगों के सहयोग से मोटा पैसा खर्च कर एस.एच.ओज के कमरों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगा दिए गए। पंजाब पुलिस के अधिकारी शहर के चौराहों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाने में व्यस्त हो गए लेकिन इस बीच थानेदारों यानी एस.एच.ओज ने अपने कमरों से सी.सी.टी.वी. कैमरे उतार दिए या डैड कर दिए। कुछ ने तो तारें ही काट दीं।
पंजाब केसरी की टीम ने जालंधर कमिश्नरेट के थानों का दौरा किया तो एक भी थाना ऐसा नहीं मिला जिसके थानेदार के रूम में सी.सी.टी.वी. कैमरा चल रहा हो। किसी में कैमरा लगा है तो तार नहीं है, किसी में तार है तो कैमरा गायब है। हालांकि कुछ थाने जैसे थाना 1, 2, 3, 5, थाना बस्ती बावा खेल, थाना न्यू बारादरी, थाना 6 आदि हैं जिनमें कैमरे लगे ही नहीं, यदि लगे हैं तो कैमरों की मैमरी सेव करने वाले डी.वी.आर. खराब हो चुके हैं। सोचने वाली बात है कि डी.वी.आर. करीब 3000 रुपए में मार्किट में आसानी से मिल जाती है।